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जाट आरक्षण का मुद्दा फिर तूल पकड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा जाट आरक्षण पर पुनर्विचार याचिका ख़ारिज किये जाने के बाद जाट समुदाय ने फिर से सरकार पर दबाव बनाने का फैसला किया है. हरियाणा के जींद में खाप की बैठक के बाद बताया गया कि 28 जुलाई को अपनी मांगों के समर्थन में समुदाय दिल्ली का घेराव करेगा .
केंद्र, राज्य सरकार पर निशाना
सुप्रीम कोर्ट के मंगलवार के फैसले से जाट खापें गुस्से में हैं और सारा ठीकरा केंद्र और हरियाणा सरकार के सर फोड़ रही हैं.
जींद के नरवाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समुदाय के नेताओं ने बताया कि इस बार जाट निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे . जाट नेताओं ने कहा कि दिल्ली के लिए जाने वाली सभी तरह की सप्लाई को वो रोक देंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला बरकरार रखा
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जाट आरक्षण से फिर इनकार कर दिया था. केंद्र सरकार ने जाटों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा घोषित कर ओबीसी आरक्षण देने के लिए पुर्निवचार याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
यूपीए सरकार ने किया था फैसला
शीर्ष अदालत ने 17 मार्च 2015 को दिए फैसले में भी जाट आरक्षण से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि यह फैसला नकारात्मक व समुदाय को पीछे ले जाने वाला है. दरअसल यूपीए सरकार ने 4 मार्च 2014 को आम चुनावों से एक महीने पहले जाटों को आरक्षण देने का फैसला किया था.