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नोटबंदी का असर रणजी ट्रॉफी मुकाबलों पर, खिलाड़ी कैश के लिए हैं परेशान

नोटबंदी से पूरे देश में अफरातफरी का माहौल बना हुआ है. क्या आम क्या खास हर कोई बैंकों और एटीम की लंबी-लंबी कतारों में खड़ा नजर आ रहा है. ऐसे में भला खेल कैसे इससे अछूते रहे पाएंगे.

नोटबंदी का असर रणजी ट्रॉफी मुकाबलों पर पड़ा नोटबंदी का असर रणजी ट्रॉफी मुकाबलों पर पड़ा
अमित रायकवार
  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 6:58 PM IST

नोटबंदी से पूरे देश में अफरातफरी का माहौल बना हुआ है. क्या आम क्या खास हर कोई बैंकों और एटीम की लंबी-लंबी कतारों में खड़ा नजर आ रहा है. ऐसे में भला खेल कैसे इससे अछूते रहे पाएंगे. देश भर में कई छोटे और बड़े टूर्नामेंटो का आयोजन किया जा रहा है और नोटबंदी का असर इन पर साफ देखाई दे रहा है. सरकार ने नोटबंदी का फैलसा पिछले हफ्ते किया. जब भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज खेली जा रही थी. विराट कोहली की टीम पर तो इसका असर नहीं दिखा. लेकिन रणजी ट्रॉफी मुकाबलों में नोटबंदी का असर साफ दिखाई दे रहा है.

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नोटबंदी का रणजी ट्रॉफी मुकाबलों पर है असर
कोलकाता के ईडन गार्डन्स में गोवा और विदर्भ के बीच रणजी मुकाबला खेला जा रहा है. खिलाड़ियों को रोजमर्रा के खर्चों के लिए परेशान होना पड़ रहा. मैच के चलते खिलाड़ियों के पास इतना टाइम नहीं है कि वों बैंकों और एटीम की लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा होकर पैसे निकाल सके. विदर्भ के खिलाड़ियों ने बंगाल क्रिकेट एसोशिएशन से मदद मांगी है. विदर्भ के खिलाड़ी चार दिन का भत्ता लेकर चले थे. लेकिन आचानक इतना बड़ा संकट खड़ा हो गया.

गोवा और केरल के बीच हो रहे मुकाबले पर असर
मुंबई में गोवा और केरल के बीच रणजी मुकाबला खेला जा रहा है. जहां खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा पैसों की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. खिलाड़ियों को होटल में कॉम्पलिमेंट्री ब्रेकफास्ट तो मिल रहा है. लेकिन लंच और डिनर के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है. खिलाड़ी बड़ी मुश्किल से 500-1000 के नोट का इंतजाम करके किसी तरह से गुजारा चला रहे हैं.

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