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डोनाल्ड ट्रंप को इसलिए नहीं बनाया जाना चाहिए अमेरिकी राष्ट्रपति

अपनी विवादित बयानबाजी के लिए मशहूर डोनाल्ड ट्रम्प रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार हैं. जानिए किन वजहों के चलते अमेरिकी नहीं चाहते कि डोनाल्ड ट्रंप बने उनके राष्ट्रपति.

सबा नाज़
  • नई दिल्ली,
  • 16 जून 2016,
  • अपडेटेड 10:13 AM IST

अपनी विवादित बयानबाजी के लिए मशहूर डोनाल्ड ट्रम्प रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार हैं. रियल एस्टेट के बादशाह कहे जाने वाले डोनाल्ड ट्रंप को प्राइमरी के लिए होने वाली रैलियों के दौरान कई बार विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ा है. जानिए किन वजहों के चलते अमेरिकी नहीं चाहते कि डोनाल्ड ट्रंप बने उनके राष्ट्रपति.

अनुभवी नहीं हैं ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप को राजनीति का कोई अनुभव नहीं है. न ही वह कभी किसी तरह के सरकारी मशीनरी से जुड़े. ऐसे में उनके लिए अमेरिकी कांग्रेस से तालमेल बिठाना और दोनों पार्टी के सदस्यों को अपने विचारों पर सहमत कर पाना खासा मुश्किल होने वाला है. क्योंकि ट्रंप को पता ही नहीं है कि सरकारी काम होते कैसे हैं.

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आइडिया कैसे बनेगा हकीकत
डोनाल्ड ट्रप जहां अपने संबोधनों में बड़ी बड़ी और विवादास्पद बाते करते नजर आते हैं, वहीं उनकी इन बातों को वह अमली जामा कैसे पहनाएंगे इसका शऊर शायद उन्हें खुद ही नहीं है. कई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप जो कह रहे हैं उसको पूरा कैसे करेंगे इसका उनके पास कोई सॉलिड प्लान नहीं है. अपने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के चलते उन्होंने कभी किसी भी मुद्दे को लेकर अपनी स्पष्ट राय पेश नहीं की. सिर्फ हवा में तीर चलाते हैं. 'मास डिपोर्टेशन' की बात करने वाले ट्रंप ने इसपर भी अपने पत्ते नहीं खोले.

पब्लिसिटी के लिए हवा में बाते करते हैं
रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप पब्लिसिटी के लिए किसी भी हद तक गुजर जाते हैं. कई बार ऐसे बयान भी दे चुक हैं जिनसे काफी विवाद हुआ. अमेरिका-मैक्सिको के बॉर्डर पर दीवार बनाने की बात हो या अमेरिका में नौकरी कर रहे विदोशियों को निकालने की बात हो. मुसलमानों की एंट्री बंद करने की या मैक्सिकन लोगों को रेपिस्ट कहने की. इन बयानों से उनको काफी पब्लिसिटी हासिल हुई है.

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कई बार दिवालिया हो चुके हैं
डोनाल्ड ट्रंप चार बार दिवालिया हो चुके हैं. हालांकि इसकी जिम्मेदारी लेने से व पूरी तरह पलट जाते हैं लेकिन ये सच है कि वह बिजनेस में भी मात खा चुके हैं. ऐसे में अमेरिकी अर्थव्यवस्था को संभाल पाने में वह कितने सफल हो पाएंगे इसपर बड़ा सवालिया निशान लगा है.

जातिवादी हैं
जो लोग बराक ओबामा के धर्म को लेकर उनपर उंगलियां उठाते आए हैं और ट्रंप के जातिवादी टिप्पणियों के लिए उसकी पीठ थपथपा रहे हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या वाकई ट्रंप बड़े धार्मिक इंसान हैं. नहीं ट्रंप का दो बार तलाक हो चुका है और तीन शादियां. हाल ही में अपने चर्च जाने को लेकर जो बयान उन्होंने दिया उसपर जमकर हंगामा हुआ था. अश्वेतों और मुस्लिमों को लेकर दिए उनके विवादित बयान काफी हंगामा मचा चुके हैं.

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इंसानियत से दूर हैं
ट्रंप नैतिकता में कितने आगे हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने गोल्फ कोर्स बनाने के लिए स्कॉटिश नागरिकों को बेघर कर दिया था. उनके घरों पर बुल्डोजर चलवाए थे. ठीक ऐसी ही कुछ हरकत ट्रंप ने अल्पसंख्यकों के होटल और कसीनो को उजाड़ कर की थी. वह कई बार गरीब लोगों के अफोर्डेबल स्वास्थ्य सेवाओं के खिलाफ भी बोलते नजर आएं हैं. ऐसे में अगर ट्रंप राष्ट्रपति बन गए तो अमेरिका के गरीबों की कितनी मदद करेंगे ये सोच पाना मुश्किल नहीं होगा.

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खराब भाषा के ज्ञानी हैं
अपनी भद्दी भाषा को लेकर ट्रंप को कई बार फजीहत झेलनी पड़ी है. ट्रंप ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं जो एक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को शोभा नहीं देती. अमेरिकी अखबारों में उनकी भाषा को थर्ड ग्रेड का भी बताया जा चुका है.

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