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कैसे दूर करें तनाव? रणदीप हुड्डा बोले- घर का काम करें, फोन से दूरी बनाएं

मेंटल हेल्थ मुद्दे पर बात करते हुए रणदीप हुड्डा ने कई सुझाव दिए. उन्होंने कहा क‍ि अगर शरीर में केमिकल इंबैलेंस है तो आपको डॉक्टर से मिलने की जरुरत है. पर इससे पहले क्या आपने वो सारे काम किए हैं जिससे आप अकेला महसूस ना करें. लेक‍िन अगर इन सबके बावजूद आप परेशान हैं तो प्लीज डॉक्टर से मिलें. यह कोई टैबू नहीं है.

रणदीप हुड्डा रणदीप हुड्डा
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 25 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 3:16 PM IST

e-mindrocks 2020 में इस बार मेंटल हेल्थ पर फोकस किया गया. कोरोना वायरस के कारण देश-दुनिया में लगे लॉकडाउन ने लोगों को घर के अंदर कैद कर दिया. ऐसे में आम आदमी से लेकर सेलेब्स हर कोई अपने घर के अंदर रहने को मजबूर हो गए. इस दौरान मानस‍िक तनाव से जूझ रहे कई केसेज सामने आए. इस पर चर्चा करते हुए एक्टर रणदीप हुड्डा ने अपने विचार साझा किए.

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उन्होंने कहा कि मेंटल हेल्थ एक महत्वपूर्ण टॉप‍िक है लेक‍िन भारत में इसे जरूरी परेशानी के तौर पर नहीं देखा जाता जितना पश्च‍िमी देशों में. क्योंकि हमारे देश में पर‍िवार और समाज कुछ ऐसे ही बना है कि इस मुद्दे पर लोग बात नहीं करना चाहते या इसे गैर जरूरी समझते हैं. यहां लोग डिप्रेस्ड हैं लेक‍िन उन्हें खुद को या दूसरों को इस बारे में नहीं पता चलता. लोग इस परेशानी को लेकर गलतफहमी में रहने लगते हैं.

रणदीप ने दी एंटी-डिप्रेसेंट की सलाह

डिप्रेशन से दूर रहने के लिए एक्टर ने लोगों से अपने काम में खुद को व्यस्त रखने को कहा. इसी के साथ उन्होंने कहा कि मां के लिए छोटा सा काम करना जैसे कमरे की सफाई कर देना, खाना समय पर खा लेना, हाथ धो लेना, ये सब करते रहना चाहिए. ये सब आपकी मां के चेहरे पर स्माइल ला सकता है. और यह मुस्कुराहट आपके लिए एंटी-डिप्रेशंट का काम करेगी.

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हमें टेक्नोलॉजी ड‍िटॉक्स की जरुरत: रणदीप

आज कल की युवा पीढ़ी फोन और टेक्नोलॉजी में ज्यादा वक्त बिता रहे हैं. स्मार्टफोन्स आइसोलेशन बढ़ा रहे हैं. लोग फोन में इसके कमेंट्स में इतना डूब जाते हैं कि उन्हें रियलिटी और वर्चुअल में फर्क नजर नहीं आता. हमें टेक्नोलॉजी से कुछ समय के लिए दूर रहने की जरुरत है. हमें टेक्नोलॉजी ड‍िटॉक्स होने की जरुरत है.

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इस वजह से ओवर-चार्ज्ड रहते हैं रणदीप हुड्डा

इस दौरान रणदीप ने घोड़ों से अपने लगाव पर भी बात की. वे कहते हैं- 'घोड़े में वो दिल होता है जिसमें इंसान के मुकाबले छह गुना ज्यादा एनर्जी होती है. वो आपको पॉजिट‍िव एनर्जी देता है. मेरे पास 5 घोड़े हैं. घोड़े को छूना आपको आध्यात्म‍िक, मानस‍िक जैसे अच्छे वाइब्स देता है. इसी वजह से मैं ओवर-चार्ज्ड रहता हूं.'

रणदीप को पर्यावरण के लिए काम करते हुए भी कई बार देखा गया है. इसपर उन्होंने कहा- 'मैं हमेशा से नेचर लवर रहा हूं. यह ऐसी लड़ाई है जिसमें हर कोई एक होकर लड़ना चाहिए. लाइक, ट्वीट, री-ट्वीट या सोशल मीड‍िया पर पोस्ट करना आसान है, लेक‍िन जमीनी तौर पर इसके लिए ग्राउंड एक्शन करना असल में बदलाव लाता है. गुरुद्वारे में मदद करना, घर की सफाई में हाथ बंटाना, पर्यावरण संरक्षण में सहयोग देना या कोई सोशल वर्क करना आपको अंदर से खुशी और सुकून देता है'.

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मेंटल हेल्थ को लेकर डॉक्टरी सलाह पर क्या सोचते हैं रणदीप?

एक्टर के मुताबिक अगर आपको कुछ मानस‍िक तनाव है तो सबसे पहले अपने माता-प‍िता या जिसके साथ आप बात करने में सहज हैं, उनसे बात करें. डॉक्टर के पास जाना हर बार एक अच्छा आइड‍िया नहीं होता, कई बार आपके माता-पिता की बातों को सुनना सब कुछ सही कर सकता. पर अगर आपके दिमाग में खराब ख्याल लगातार आ रहे हैं, आप उदास हैं तो किसी से बात करें.''बात अगर शरीर में केमिकल इंबैलेंस की है तो आपको डॉक्टर से मिलने की जरुरत है. पर इससे पहले क्या आपने वो सारे काम किए हैं जिससे आप अकेला महसूस ना करें. इन सबको करने के बाद ही आप ये समझ सकते हैं कि क्या आप सच में दिमागी रूप से परेशान हैं. लेक‍िन अगर इन सबके बावजूद आप परेशान हैं तो प्लीज डॉक्टर से मिलें. यह कोई टैबू नहीं है'.

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