
चार राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान नोटबंदी की कवायद पूरी तरह से विफल हो चुकी है. ऐसा चुनाव आयोग के आंकड़े कह रहे हैं. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में चुनाव आयोग द्वारा की गई कैश बरामदगी के आंकड़े पिछले चुनावों की तुलना में कई गुना अधिक है.
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में चुनाव के तीन फेज पूरे हो चुके हैं और दो फेज की पोलिंग अभी बाकी है. 18 फरवरी तक यहां 109.79 करोड़ रुपये की कैश रकम बरामद की जा चुकी है जो कि 2012 विधानसभा चुनावों की तुलना में लगभग 3 गुना अधिक है. 2012 में आयोग को प्रदेश से छापेमारी में 36.29 करोड़ रुपये की रकम बरामद हुई थी. वहीं जहां 2012 में प्रदेश से महज 6.6 लाख रुपये की शराब बरामद हुई थी मौजूदा चुनाव में आयोग ने 52.50 करोड़ रुपये की शराब बरामद कर ली है.
पंजाब
पंजाब चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबला है. यहां कांग्रेस, शिरोमणि अकली दल-बीजेपी गठबंधन और आम आदमी पार्टी सत्ता की दावेदारी में हैं. इन सभी दलों के खिलाफ कारवाई करते हुए चुनाव आयोग को अब तक बरामद हुई रकम 2012 में हुए पिछले चुनाव की तुलना में 5 गुना अधिक है. 18 फरवरी तक चुनाव आयोग को पंजाब में छापेमारी के दौरान 58.02 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं. वहीं जहां 2012 में आयोग को 2.59 करोड़ रुपये के मूल्य की शराब बरामद हुई थी, मौजूदा चुनाव में 13.36 करोड़ रुपये के मूल्य की शराब बरामद की जा चुकी है.
उत्तराखंड
उत्तराखंड में 15 फरवरी को एक फेज में चुनाव के लिए पोलिंग कराई गई. चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद आयोग को 3.38 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई है. राज्य में 2012 विधानसभा चुनाव के दौरान महज 1.30 करोड़ रुपये बरामद किया गया था. हालांकि राज्य में इस चुनाव में शराब की बरामदगी 3.10 करोड़ रुपये की हुई है वहीं 2012 में महज 15.15 लाख करोड़ रुपये की शराब बरामद की गई थी.
गोवा
शराब और नकद बरामदगी की कहानी गोवा में भी बाकी राज्यों जैसी रही. चुनाव प्रक्रिया के दौरान इस साल गोवा में 2.24 करोड़ रुपये बरामद किए गए जबकि 2012 में महज 60 लाख रुपये बरामद हुए थे. वहीं 2012 में गोवा से बरामद शराब का आंकड़ा मौजूद नहीं है लेकिन मौजूदा चुनाव में 1.07 करोड़ रुपये की शराब बरामद की गई.