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EXCLUSIVE: मोदी से मिल शरीफ हुए नवाज, वतन लौटकर बड़ा कदम उठाने के संकेत

भारत-पाकिस्तान रिश्तों में दोबारा गर्माहट आ सकती है. पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने पेरिस जलवायु परिवर्तन सम्मलेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद ऐसे संकेत दिए. 

नवाज शरीफ और नरेंद्र मोदी नवाज शरीफ और नरेंद्र मोदी
विकास वशिष्ठ
  • पेरिस,
  • 01 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 4:09 PM IST

भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में फिर से बहार आने के संकेत हैं. फ्रांस की राजधानी पेरिस में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की 2 मिनट की छोटी सी मुलाकात के बड़े नतीजे अगले कुछ दिनों में सामने आने वाले हैं. इंडिया टुडे ग्रुप से खास बातचीत में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने ऐसे संकेत दिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत लौट आए हैं. पेरिस शिखर सम्मेलन 14 दिसंबर तक चलेगा.

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भरोसा दिया- बहाल होंगे रिश्ते
भारत से रिश्तों की बहाली पर शरीफ ने संकेत दिए हैं कि अपने वतन लौटने पर वह जल्द ही कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं. इस बातचीत से शरीफ संतुष्ट दिखे और उन्होंने संकेत दिए कि आने वाले समय में कुछ सकारात्मक होगा. दोनों नेता पेरिस में जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे.

भारत ने औपचारिक बताई मुलाकात
हालांकि भारत ने इसे सिर्फ औपचारिक मुलाकात बताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि 'यह लीडर्स लॉन्ज में अचानक हुई भेंट थी. प्रधानमंत्री कई राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों से मिले.' यानी शरीफ से अचानक आमना-सामना हुआ, जिसकी परिणति छोटी सी मुलाकात में हुई.

मोदी ने किया सोलर अलायंस का ऐलान
प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में भारत ने पेरिस में नए इंटरनेशनल सोलर अलायंस का ऐलान किया, इसमें 120 देश शामिल होंगे. ऊर्जा बचाने की दिशा में ये भारत का एक बड़ा कदम है. पीएम मोदी ने पेरिस में अपने भाषण में कहा कि सिर्फ विकासशील देशों पर जवाबदेही डालने से काम नहीं चलेगा. मोदी ने कहा कि पर्यावरण और ऊर्जा बचाने के लिए सबको मिलकर काम करना होगा.

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ओबामा से डेढ़ साल में 7वीं मुलाकात
पेरिस शिखर सम्मेलन में मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से भी मिले. बीते डेढ़ साल में यह सातवीं मुलाकात थी. शिखर सम्मेलन में दुनियाभर के करीब 150 देशों के मुखिया शामिल हुए. इसके साथ ही मोदी ने इंडियन पवेलियन को भी संबोधित किया. हालांकि यहां उन्होंने सिर्फ 3 मिनट ही भाषण दिया. संभवतः यह विदेश में मोदी का सबसे छोटा भाषण है.

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