Advertisement

बस्तर हुआ जलमग्न, घरों में चार से पांच फीट तक भरा पानी

बस्तर संभाग के सभी सातों जिले बाढ़ से प्रभावित हो गये हैं. सबसे ज्यादा खराब हालात संभाग मुख्यालय जगदलपुर में है. बस्तर में बहने वाली इंद्रावती नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है.

बारिश के बाद जलभराव बारिश के बाद जलभराव
सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 19 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 11:41 PM IST

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में पिछले 80 घंटे से लगातार हो रही तेज बारिश के कारण जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मौसम वैज्ञानिकों ने बस्तर के लिए चेतावनी जारी कर दी है. बस्तर के सभी संभाग में लगातार तेज बारिश हो रही है. बस्तर में बहने वाली लगभग सभी नदी नाले उफान पर हैं. वहीं आपदा नियंत्रण विभाग ने नदी किनारे बसे लोगों को राहत शिवरों में भेज दिया है. बाढ़ के हालत को देखते हुए प्रशासन ने दिन की छुट्टी का ऐलान किया है. इससे स्कूली छात्रों को भारी राहत मिली है. हालात को देखते हुए प्रशासन का यह भी कहना है कि यदि बारिश जारी रही तो सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में छुट्टी का दायरा बढ़ा दिया जाएगा. यह पहला मौका है जब बस्तर में बाढ़ से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. दरअसल पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के चलते बस्तर में लगतार बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि बंगाल की खाड़ी में सिस्टम अभी भी बरकरार है. इसलिए अगले चौबीस घंटों में भी ज्यादातर इलाकों में मूसलाधार बारिश की संभावना है. मौसम विभाग के इस अलर्ट के बाद NDRF और होमगार्ड के जवानों को भी सचेत कर दिया गया है.

Advertisement

बस्तर संभाग के सभी सातों जिले बाढ़ से प्रभावित हो गये हैं. सबसे ज्यादा खराब हालात संभाग मुख्यालय जगदलपुर में है. बस्तर में बहने वाली इंद्रावती नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. जिसके चलते 3 दर्जन से अधिक गांव खाली करा दिया गया है. प्रदेश सरकार के द्वारा राहत और बचाव के कार्य शुरू किए गए हैं. लेकिन तेज बारिश के कारण कई इलाको में मदद पहुंचाने में काफी परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है. सुरक्षा के लिहाज से शासन ने स्कूल कॉलेज में छुट्टी घोषित कर दी है. लोग आपने मवेशियों को गांव में छोड़ कर ऊंची या प्रशासन के द्वारा बनाये गये अस्थाई शिविर में शरण लेने में विवश हो गए हैं.

बस्तर जिले के लगभग 250 परिवारों को प्रशासन ने जगदलपुर के विभिन्न स्कूलों मे रखा है. जिन्हें भोजन आदि की व्यवस्था समाज सेवी संस्थाएं और रेडक्रस कर रहा है. नदियों में आई बाढ़ के चलते राजधानी रायपुर को जोड़ने वाला एक मात्र सड़क भी बंद हो चूकी है. साथ ही दो दिनों से बस्तर रेल मार्ग से भी कटा हुआ है. दूसरी ओर बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कोण्डागांव और नारायणपुर का संपर्क जिला मुख्यालय से पूरी तरह टूट गया है. कई इलाके टापू में तब्दील हो गए हैं.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement