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देश के बहुप्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में शुमार किए जाने वाले आईआईटी-बॉम्बे में फंड कट की वजह से संस्थान अब स्टूडेंट्स को हैंडवॉश मुहैया न हीं कराएगा और हॉस्टल के कमरों के साथ-साथ टॉयलेट के साफ किए जाने की फ्रिक्वेंसी में भी कमी आएगी.
हॉस्टल के कमरे अब सप्ताह में एक बार साफ किए जाने के बजाय महीने में साफ किए जाएंगे. फर्श, सीढ़ी, कोरिडोर, डायनिंग हॉल और टीवी रूम हर माह के बजाय दो माह में साफ किए जाएंगे. टॉयलेट, बाथरूम, यूरीनल और वॉशबेसिन अब तीन बार के बजाय दो बार साफ किए जाएंगे. ऐसे सारे कदम अक्टूबर माह में उठाए गए हैं.
क्या कहना है संस्थान के अधिकारियों का...
संस्थान ने इसके मद्देनजर पब्लिक हेल्थ ऑफिसर्स के कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव किए हैं. स्टूडेंट्स न्यूजपेपर की स्टोरी के हिसाब से हैंडवॉश का न देना हर माह 60,000 रुपये की बचत कराएगा और हॉस्टल के कमरों का हर सप्ताह न साफ किया जाना पूरे माह में 1.57 लाख रुपये की बचत कराएगा.
इस मसले पर पब्लिक हेल्थ ऑफिसर कहते हैं कि पहले जहां सुबह-शाम साफसफाई होती थी वहीं अब दूसरे शिफ्ट को रोक दिया गया है. उन्हें भी इस मामले में अधिक जानकारी नहीं है. इस मसले पर स्टूडेंट अफेयर्स के डीन सौम्यो मुखर्जी कहते हैं कि स्वच्छ भारत अभियान को ध्यान में रखते हुए ऐसी अपेक्षा सभी से की जाती है कि वे अपने आस-पास के इलाके को साफ रखें. हालांकि वे इस कॉस्टकटिंग को मार्जिनल बताते हैं और इसे स्वागतयोग्य कदम कहते हैं.