
भारत में गुड्स एंड सर्विसिज़ टैक्स (वस्तु एवं सेवा) कर पिछले साल 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था. लागू होने से पहले ही यह टैक्स काफी विवादों में रहा है. वहीं यह टैक्स प्रणाली मलेशिया में 2015 से ही लागू है. अब बुधवार को मलेशिया में हुए चुनाव में उस प्रधानमंत्री को सत्ता गंवानी पड़ी है, जिसने जीएसटी लागू करवाया था. वहीं इससे पहले कनाडा में जीएसटी लागू करवाने वाली सरकार के हाथ से सत्ता चली गई थी.
मलेशिया में हुए आम चुनाव में घोटाले के आरोपों से घिरे प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक का मुकाबला 92 वर्षीय नेता महातिर मोहम्मद से था. बुधवार को आए नतीजों में महातिर मोहम्मद ने आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत हासिल की है. प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक ने ही अपने शासन में 1 अप्रैल 2015 से मलेशिया में जीएसटी लागू की थी.
कुछ दिन पहले अपने एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक ने जीएसटी लागू करने के फैसले को सबसे कठिन फैसला बताया था. उनके अनुसार उन्हें पता था कि जीएसटी लागू होने के बाद कई सामानों और सेवाओं के दाम में बढ़ोतरी होगी, लेकिन देशहित में यह निर्णय जरूरी था.
वहीं 92 साल के महातिर ने रज्जाक की पार्टी बैरिसन नेशनल (बीएन) गठबंधन को चुनावों में करारी शिकस्त दी है. महातिर ने न सिर्फ रज्जाक पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को मुद्दा बनाया था, बल्कि उन्होंने सत्ता हाथ में आने पर जीएसटी हटाने का वादा भी किया था.
ऐसे में यह कहा जा रहा है कि मलेशिया की जनता ने जीएसटी हटाने के लिए महातिर को सत्ता की चाबी सौंपी है. महातिर ने मलेशिया में चीन के निवेश पर भी दोबारा नजर डालने की घोषणा की है.
पनौती है GST! जिसने किया लागू, उसे उठाना पड़ा नुकसान...अब मोदी सरकार का क्या होगा?
2019 में GST बन सकता है मुद्दा
आपको बता दें कि मोदी सरकार के दावे के अनुसार जीएसटी के जरिए एक देश-एक टैक्स की जो व्यवस्था लागू हुई है, उससे भारत में व्यापार करना आसान हुआ है, टैक्स चोरी रुकी है, कर प्रक्रिया आसान हुई. मोदी सरकार के अनुसार इससे आने वाले दिनों में सरकारी राजस्व में भी काफी बढ़ोतरी देखी जाएगी, जिससे जीडीपी और तेजी से बढ़ेगी. बीजेपी जीएसटी को 2019 की चुनावी जंग के लिए एक बड़ा हथियार मान रही है. हालांकि मलेशिया के चुनावी नतीजों को देखते हुए ये बड़ा दांव बीजेपी के लिए उल्टा भी पड़ सकता है.
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वादा किया है कि यदि 2019 में केन्द्र की सत्ता में कांग्रेस वापसी करती है तो वह जीएसटी को दुरुस्त करने के लिए कड़े फैसले ले सकती है. राहुल के अनुसार कांग्रेस सिर्फ सिंगल टियर में जीएसटी लागू करना चाहती है. यानी या तो 18 प्रतिशत टैक्स लगे या फिर आम आदमी के जरूरत की ज्यादातर उत्पादों पर जीरो टैक्स लगे.
यहां भी गई सरकार
कनाडा की प्रगतिशील कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता, प्रधानमंत्री किम कैंपबेल को 1993 के राष्ट्रीय चुनाव में करारी हार देखनी पड़ी थी क्योंकि उनकी सरकार ने जीएसटी को लागू करने के बाद अपनी लोकप्रियता खो दी थी. लगभग 80 प्रतिशत मतदाताओं ने कराधान कानून को खारिज कर दिया था जिसके बाद जीन शिरेटीन के नेतृत्व में लिबरल पार्टी ने सदन में एक मजबूत बहुमत प्राप्त किया और कनाडा की अगली सरकार का गठन किया.
ऑस्ट्रेलिया में, जॉन हॉवर्ड सरकार ने जीएसटी को लागू करने के तुरंत बाद 1998 में चुनाव में बड़ी मुश्किल से वापसी की. जीएसटी लागू करने वाले अधिकतर देशों को बहुत ज्यादा महंगाई का सामना करना पड़ा. सिंगापुर ने भी 1994 में जब जीएसटी लागू किया तो वहां महंगाई काफी बढ़ी थी.