
बहुप्रतीक्षित गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) बिल पर राज्यसभा ने मुहर लगा दी है. इस मसले पर मोदी सरकार को कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों का साथ मिला.
सरकार का दावा है कि जीएसटी देश की आम जनता के हित में होगा. जीएसटी बिल पास होने के बाद मोदी सरकार भले ही अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन, जीएसटी के बारे में दिलचस्प तथ्य यह है कि जिन-जिन देशों में यह लागू किया गया, वहां की सरकारों को चुनावों में नुकसान उठाना पड़ा है.
ऐसा इसलिए होता है कि जीएसटी लागू होने के बाद शुरू के 3 साल तक महंगाई बढ़ती है और इससे सरकार के खिलाफ माहौल बनता है. उदाहरण के तौर पर, इस वक्त हम 15 फीसदी सर्विस टैक्स दे रहे हैं लेकिन जीएसटी लागू होने पर यह 17 से 18 फीसदी तक हो जाएगा. ऐसे में रोजमर्रा की चीजें महंगी होंगी.
जीएसटी लागू करने के बाद भुगतने वाली सरकारों में सबसे बड़ा उदाहरण कनाडा है. वहां प्रोग्रेसिव कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और तत्कालीन पीएम किम कैम्पबेल को 1993 में आम चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था. वहां जीएसटी लागू किए जाने के बाद कैम्पबेल की सरकार जनता के बीच अलोकप्रिय हो गई थी. उन चुनावों में कनाडा की करीब 80 फीसदी आबादी ने नए कर कानून को रिजेक्ट कर दिया था. इसका नतीजा हुआ कि लिबरल पार्टी की जबरदस्त वापसी हुई.
ऑस्ट्रेलिया में जॉन होवर्ड की सरकार जीएसटी लागू करने के बाद 1998 में चुनाव में उतरी तो वो बहुत मुश्किल से सत्ता बचा पाई. इन उदाहरणों से यह बात तो तय है कि जीएसटी लागू होने के बाद महंगाई तेजी से बढ़ती है. यहां तक कि सिंगापुर में जीएसटी लागू होने के बाद 1994 में जबरदस्त महंगाई बढ़ी थी. जॉन होवर्ड के गठबंधन को 14 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था जबकि विपक्षी दल को 18 सीटों का फायदा हुआ था.
इस वक्त दुनिया के 160 देशों में जीएसटी या वैट लागू है. इनमें 8 देश ऐसे भी हैं जो संयुक्त राष्ट्र के सदस्य नहीं हैं.
बीते 7 सालों के दौरान जिन देशों में जीएसटी या वैट लागू किया गया उनमें गाम्बिया (2013), कांगो (2012), सेशेल्स (2012), सेंट किट्स एंड नेवीस (2010), ग्रेनेडा (2010), लाओस (2009), निउए (2009) और सिएरा लियोन (2009) शामिल हैं.