
प्याज की आसमान छूती कीमत के बीच केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने प्याज की कीमतों में बार बार तेज उछाल की स्थिति से निपटने के लिये इसके चूर्ण और पेस्ट के इस्तेमाल को बढावा देने का सुझाव दिया है. उनका कहना है कि जब प्याज का भाव कम होता है तो इसका पाउडर और पेस्ट बनाकर इसे बारिश के दिनों के लिये रखा जाए.
हरसिमरत का मानना है कि प्याज की कीमतों में चढाव उतार मौसमी है और मानसून के दौरान इसका भाव बढ़ जाता है. जल्दी खराब होने वाली इस सब्जी के बड़े पैमाने पर प्रसंस्करण के जरिये इसके मूल्यों तेज उतार चढाव से बचा जा सकता है.
मंत्री ने यह बात ऐसे समय कही है जब प्याज की कीमत पिछले कुछ सप्ताह से बढ़ रही है. महाराष्ट्र स्थिति एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी प्याज का थोक भाव 57 रुपये किलो तक पहुंच गया है. राजधानी में खुदरा बाजारों में यह करीब 80 रुपये किलो के भाव पर बिक रही है.
हरसिमरत ने कहा, ‘आमतौर पर प्याज के दाम वर्षा के दौरान बढ़ते हैं. खाद्य प्रसंस्करण के जरिये इस समस्या का समाधान किया जा सकता है. जब प्याज की कीमत कम होती है तब हम उसे सूखाकर पाउडर और पेस्ट का रूप दे सकते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘आज हम जल्दी खराब होने वाले फल एवं सब्जी का केवल 2 प्रतिशत प्रसंस्करण करते हैं. ऐसे में प्रसंस्करण द्वारा हम जल्दी खराब होने वाले खाद्य पदार्थ की बर्बादी रोककर हजारों करोड़ रुपये बचा सकते हैं.’