
भले ही हमारे समाज में कई ऐसे लोग मौजूद हैं जो ट्रांसजेंडर समुदाय को वो इज्जत नहीं देते जिनके वह हकदार हैं. लेकिन आज इन्हीं समुदाय से निकले लोग समाज में अहम भूमिका निभा रहे हैं. हम बात कर रहें हैं, स्वाति बी बरुआ की, जो असम की पहली ट्रांसजेंडर जज और देश की तीसरी जज बन गई हैं.
उन्हें 14 जुलाई, 2018 को गुवाहाटी के कामरूप जिले की लोक अदालत में जज के पद पर नियुक्त किया गया है. बता दें, अदालत की 20 जजों की बेंच में स्वाति एक हैं.
स्वाति की उम्र 26 साल हैं. उन्होंने बीकॉम की पढ़ाई करने के बाद कानून की पढ़ाई की. जिसके बाद उन्होंने सोच लिया था वह कानून के क्षेत्र में ही अपना करियर बनाएंगी. वहीं जज के पद पर नियुक्त होने पर स्वाति ने कहा- 'एक जज के पद पर मेरी नियुक्ति समाज के लिए सकारात्मक संदेश है और इस तरह के सराहनीय कदम से सोसाइटी में ट्रांसजेंडरों के प्रति नजरिया बदलेगा'.
मिलिए- भारत की पहली ट्रांसजेंडर वकील सत्यश्री से
बता दें, स्वाति का जन्म असम के पांडु शहर में हुआ था. स्वाति से पहले पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में ट्रांसजेंडर जज बन चुकी हैं. वहीं उनके जज बनने पर असम तीसरा राज्य बन चुका है जहां ट्रांसजेंडर जज हैं. वहीं सबसे पहले पश्चिम बंगाल ने जुलाई 2017 में देश के पहली ट्रांसजेंडर जज के रूप में जोयिता मंडल को नियुक्त किया था, इसके बाद इस साल फरवरी में महाराष्ट्र ने नाग कामबल को नागपुर में लोक अदालत में जज के रूप में नियुक्त किया था.
पहले छोड़ा घर फिर मांगी भीख, अब बनीं देश की पहली ट्रांसजेंडर जज
ये हैं देश की पहली ट्रांसजेंडर जज
स्वाति से पहले जोयिता मंडल को देश की पहली ट्रांसजेंडर जज बनाया गया था. वह 29 साल की जोयिता मंडल देश की पहली ट्रांसजेंडर जज बनीं थी. उन्हें 8 जुलाई, 2017 को पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर की लोक अदालत में जज नियुक्त किया गया था.
भारत की पहली ट्रांसजेंडर वकील
36 साल की सत्यश्री शर्मिला को देश की पहली ट्रांसजेंडर वकील नियुक्त किया गया है. उन्हें तमिलनाडु बार काउंसिल ने उन्हें वकील के रूप में नियुक्त कर लिया है.