
हरियाणा सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूलों में दिया गया एक एडमिशन फॉर्म सुर्खियों में हैं. दरअसल इस फॉर्म में कुछ ऐसे सवाल पूछे गए हैं, जिससे हर कोई हैरान है. इस फॉर्म में छात्रों से उनके परिवार, जाति, धर्म, आधार कार्ड, बैंक एकाउंट से जुड़ी जानकारी मांगी गई है. साथ ही फॉर्म में सवाल पूछा गया है कि क्या उनके मां-बाप कोई 'अस्वच्छ या गलत' काम तो नहीं करते हैं?
बता दें कि प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों ने बच्चों को करीब 100 सवालों वाला एक फॉर्म दिया है, जिसमें बच्चों से उनकी निजी जानकारी ली गई है. साथ ही कई ऐसे सवाल पूछे गए हैं, जो कि सामान्य तौर पर स्कूल फॉर्म में नहीं पूछे जाते हैं. खास बात ये है कि यह सवाल शिक्षा विभाग की ओर से जारी किया गया है और स्कूलों के लिए आवश्यक है.
अब JEE परीक्षा पर सवाल, पूछे गए कोचिंग सेंटर के मॉडल पेपर जैसे सवाल
इस मामले में प्राइवेट स्कूल भी इससे बच रहे हैं और उनका कहना है कि यह स्कूल की तरफ से नहीं बल्कि सरकार की ओर से दिए जा रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार गुरुग्राम सेक्टर 45 की डीपीएस प्रिंसिपल का कहना है कि सरकार ने हमें परिवार वालों से ये फॉर्म भरवाने के लिए कहा है. कई अभिवावकों ने आय, बैंक अकाउंट जैसी जानकारी देने से मना कर दिया है. उन्होंने ये बताया कि स्कूल इस तरह की जानकारी नहीं लेती है और अगर किसी को कोई दिक्कत है तो उसे सरकार से बात करनी होगी.
वहीं इस पूरे मामले पर हरियाणा की मुख्य विपक्षी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल की और से हरियाणा विधानसभा में नेता विपक्ष अभय चौटाला ने कहा कि सरकार सोची-समझी रणनीति के तहत जातियों को लेकर इस तरह के विवाद खड़े करती है ताकि सरकार की विफलताओं और जनता से जुड़े मुद्दों से लोगों का ध्यान हटे. अभय चौटाला ने इस परफॉर्मा को लेकर खट्टर सरकार पर निशाना साधा है. चौटाला ने कहा कि खट्टर सरकार ने साढ़े 3 साल में विवाद ही खड़े किए है.
इस पूरे मामले पर कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सरकार अपने करीब 4 साल के कार्यकाल की विफलताओं को छिपाने के लिए हर बात का ठीकरा पिछली कांग्रेस सरकार पर फोड़ देती है और अगर इस फॉर्म में कोई गलतियां पिछले कुछ सालों से होती आ रही थी तो क्यों नहीं बीजेपी सरकार ने इसे अपने करीब 4 साल के कार्यकाल में ठीक किया या फॉर्म को बदलवाने की कोशिश की.
लेफ्ट की जगह पढ़ाई जाएगी NCERT की किताबें: त्रिपुरा CM
वहीं कांग्रेस ने इस फॉर्म को लेकर मनोहर लाल खट्टर सरकार पर निशाना साधा है. पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है कि 'खट्टर सरकार ने फिर वही किया. छात्रों को 'अछूत' और उनके माता-पिता के पेशे को 'अस्वच्छ' ठहराया.' उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार ने 100 बिंदुओं वाला फॉर्म जारी किया है. वास्तव में यह छात्रों और उनके माता-पिता पर निगरानी रखने जैसा है. जिस तरह से उनकी व्यक्तिगत सूचना मांगी जा रही है वो आपत्तिजनक है. माता-पिता के पेशे को अस्वच्छ कहना बहुत ही बेतुका है. निगरानी करना बीजेपी के डीएनए में शामिल है.