
पाकिस्तान कट्टरवाद की आग में झुलस रहा है और आंच दक्षिण एशिया में इस्लाम के उदारवादी चेहरे यानी सूफीवाद तक भी पहुंच रही है. जाहिर है एक और सूफी मजार पर हुए हमले से उस देश की सिविल सोसाइटी में बेहद गुस्सा है और सोशल मीडिया पर इसकी झलक देखी जा सकती है.
लचर सुरक्षा पर सवाल
लोगों की पहली प्रतिक्रिया सहवान में मेडिकल सुविधाओं की कमी को लेकर थी. लोगों में मजार के आसपास सुरक्षा में कमी को लेकर भी रोष था. सिंध में सत्ताधारी पाकिस्तानी पीपुल्स पार्टी को इसके लिए आलोचना झेलनी पड़ी.
सरकार पर निशाना
पाकिस्तान का बुद्धिजीवी तबका एक अरसे से सरकार की दहशतपरस्त नीतियों को देश के हालात के लिए कोसता रहा है. ताजा हमला पाकिस्तान के हुक्मरानों के इस गुनाह का एक और नतीजा है. कम से कम सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के शहरियों में इस बात का मलाल साफ नजर आता है.
सियासी पार्टियों की प्रतिक्रिया
वहीं हमले पर पाकिस्तान की सियासी पार्टियों ने भी अफसोस जताया. अपनी पार्टी के ट्विटर अकाउंट पर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हमले को पाकिस्तान के सुनहरे भविष्य पर घात बताया.
विपक्षी पार्टी तहरीक ए इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने भी हमले की निंदा की.
आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तानी पीपुल्स पार्टी ने हमले का ठीकरा नवाज शरीफ सरकार पर फोड़ा. पार्टी की राय में हमला इस बात का सबूत है कि आतंकवाद से निपटने के लिए बनाया गया नेशनल एक्शन प्लान नाकाम हो गया है.
खून का लेंगे बदला!
वहीं पाकिस्तानी सेना ने बेगुनाहों के खून के एक-एक कतरे का बदला लेने की बात कही है.