
दुनियाभर में टैक्स चोरी के बड़े मामले पनामा पेपर्स लीक का असर दिखना शुरू हो गया है. खुलासे के बाद से इस्तीफे का दबाव झेल रहे आइसलैंड के प्रधानमंत्री ने अंततः मंगलवार को इस्तीफा दे दिया. इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति के सामने संसद को भंग करने का प्रस्ताव रखा था.
करोड़ों रुपए छिपाने के आरोप
पनामा पेपर्स लीक के खुलासे में आइसलैंड के पीएम सिग्मंतर तावियो कनलुइक्सन पर विदेशी कपंनी के जरिए करोड़ों रुपए छिपाने के आरोप लग रहे थे. पनामा के पीएम पर आरोप लगा था कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने 2007 में एक विदेशी कंपनी स्थापित की थी, जिसमें तब से अब तक करोड़ों डॉलर का गैरकानूनी निवेश किया गया है. सिगमंतर उन दर्जनों नेताओं और दिग्गजों में से एक हैं, जिनका नाम पनामा पेपर्स में सामने आया है.
लगातार हो रहे थे विरोध-प्रदर्शन
सोमवार को उनके इस्तीफे की मांग को लेकर संसद के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया था. पीएम सिगमंतर ने विपक्ष द्वारा विश्वास मत की मांग करने पर राष्ट्रपति ग्रिमसन के सामने संसद को भंग करने का संसद को प्रस्ताव रखा था और बाद में अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
अमेरिकी पत्रकारों ने संघ ने किया खुलासा
पनामा पेपर्स के नाम से लीक हुए इन दस्तावेजों को सामने लाने में मुख्य भूमिका अमेरिका स्थित एक एनजीओ खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय महासंघ (ICIJ) की रही. इनके मुताबिक इन्होंने उन दस्तावेजों की गहरी छानबीन की, जो इन्हें किसी अज्ञात सूत्र ने उपलब्ध करवाए थे. जांच में ढेरों फिल्मी और खेल जगत की हस्तियों के अलावा लगभग 140 राजनेताओं, अरबपतियों की छिपी संपत्ति का भी खुलासा हुआ है.
मोसैक फॉन्सेका से लीक हुए दस्तावेज
जांच में जो डेटा सामने आया है वह बीते 1977 से लेकर 2015 तक लगभग 40 वर्षों का है. पनामा स्थित लॉ फर्म मोसैक फॉन्सेका से लीक हुए इन दस्तावेजों को लेकर दावा किया जा रहा है कि इनमें जिन 500 भारतीय हस्तियों के नामों का जिक्र है, उनमें से 300 नामों की पुष्टि भी की जा चुकी है. जर्मनी के एक अखबार के मुताबिक, इस पेपर लीक से 2.6 टेराबाइट डेटा सामने आया है जो लगभग 600 डीवीडी में आ सकता है.
अभी और लिस्ट आएगी सामने
खुलासा करने वाले पत्रकारों के महासंघ (ICIJ) का कहना है कि वह जल्द ही ऐसी हस्तियों की पूरी लिस्ट जारी करेगी. सबूत के तौर पर इनके ई-मेल्स, फाइनैंशल डॉक्युमेंट्स और पासपोर्ट आदि को भी सामने लाया जाएगा. हालांकि अभी जिन हस्तियों के नाम सामने आए हैं, वे भी कम चौंकाने वाले नहीं हैं. इनमें आइसलैंड और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, यूक्रेन के राष्ट्रपति, सऊदी अरब के राजा और डेविड कैमरन के पिता का नाम प्रमुख है. इनके अलावा लिस्ट में व्लादिमीर पुतिन के करीबियों, अभिनेता जैकी चैन और फुटबॉलर लियोनेल मेसी का नाम भी है. हालांकि इन हस्तियों ने ऐसा कर कोई गैर-कानूनी काम किया है, इस बारे में पेपर्स में कुछ नहीं कहा गया है.
क्या है मोसेक फोंसेका
जिस कंपनी के दस्तावेज लीक हुए हैं उसका नाम मोसेक फोंसेका है. यह फर्म पनामा की है और लेकिन इसकी वेबसाइट की मानें तो इसके ग्लोबल नेटवर्क में 600 लोग हैं जो 42 देशों में काम करते हैं. इस कंपनी की दुनिया भर में फ्रेंचाइजी हैं. मोसेक फोंसेका स्विजरलैंड, साइप्रस, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में टैक्स हैवन ऑपरेट करती है.
खुलासे का मतलब
पिछले 40 सालों से आस्तित्व में आए ये दस्तावेज बताते हैं कि कैसे कंपनी क्लाइंट्स को मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स बचाने में मदद करती हैं. मोसेक फोंसेका से लीक दस्तावेज बताते हैं कि कैसे दुनिया के पॉवरपउल लोगों ने ऑफशोर हैवन्स कई मिलियन डॉलर की टैक्स बचाया और मनी लॉन्ड्रिग की. इसके लिए इन लोगों ने विदेशों में शैडो कंपनियां, ट्रस्ट और कॉरपोरेशन बनाए. लोगों ने यहां पैसा लगाया क्योंकि यहां धन लगाने वालों की पहचान का खुलासा नहीं किया जाता.
कौन-कौन सी हस्तियां हैं शामिल?
विदेश: रुस के राष्ट्रपति पुतिन, पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ, अर्जेटिना के राष्ट्रपति, आइसलैंड के प्रधानमंत्री, और सउदी अरब के किंग. इस लिस्ट में 500 भारतीयों का भी जिक्र किया जा रहा है. डीएलफ के प्रमोटर केपी सिंह, इंडिया बुल्स के समीर गहलोत और पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे जैसी मशूहर हस्तियों के नाम इसमें आ रहे हैं. सरकार ने इस मामले की जांच के लिए मल्टी एजेंसी टीम बनाई है.
अमिताभ ने दी सफाई
अपना नाम आने को लेकर मंगलवार को फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन ने बयान जारी किया और आशंका जताई कि उनके नाम का गलत उपयोग किया जा सकता है. अमिताभ ने कहा कि जो तीन कंपनियों में उनके पैसा लगाने की बात कही जा रही है उनका नाम तक उन्होंने नहीं सुना.