
फर्जी डिग्री मामले में फंसे दिल्ली सरकार के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की मुसीबतें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. अब AAP के भीतर से भी तोमर के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो गई है. AAP नेता मयंक गांधी ने कहा है कि अगर तोमर दोषी हैं, तो उन्हें पार्टी से निकाला जाना चाहिए.
मयंक गांधी ने ट्वीट किया, 'अगर तोमर या कोई और दोषी है, तो उसे पार्टी से निकालें. ऐसे लोगों का बिलकुल बचाव नहीं होना चाहिए. स्मृति ईरानी से तुलना न करें, वे बीजेपी से हैं, हम AAP हैं.'
तोमर से पूछताछ का सिलसिला जारी
फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को फैजाबाद पहुंचने के बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी ले जाया गया, जहां उनसे लंबी पूछताछ की गई. इसके बाद दिल्ली पुलिस उन्हें साकेत डिग्री कॉलेज ले गई. तोमर इसी कॉलेज के छात्र रहे हैं.
फरक्का एक्सप्रेस से फैजाबाद पहुंचने के बाद तोमर को रोड से यूनिवर्सिटी ले जाया गया. फैजाबाद में इन्हें यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार एसएल मौर्य के सामने पेश किया गया. पेशी के बाद दिल्ली पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है. इस दौरान दिल्ली पुलिस के साथ आरपीएफ की टीम भी वहां मौजूद थी.
आरएमएल अवध यूनिवर्सिटी के मीडिया प्रभारी एसएन शुक्ला ने कहा कि जांच में पाया गया है कि 1988 में रोल नंबर 31331 तोमर का नहीं, बल्कि किसी अन्य छात्र का था.
'मैं राजनीतिक साजिश का शिकार'
तोमर ने लखनऊ में पुलिस की मौजूदगी में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वह बेकसूर हैं और उनकी कानून की डिग्री असली है. उन्होंने कहा, 'मैंने कुछ गलत नहीं किया. मैं राजनीतिक साजिश का शिकार हूं'. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही है.
गौरतलब है कि तोमर फर्जी डिग्री मामले में चार दिनों की पुलिस रिमांड पर हैं. माना जा रहा है कि इन्हीं चार दिनों के अंदर दिल्ली पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए भागलपुर, मुंगेर और बुंदेलखंड भी ले जा सकती है.
तोमर ने यहां से स्नातक नहीं किया: अवध यूनिवर्सिटी
आरएमएल अवध यूनिवर्सिटी ने इस बात से इनकार किया कि जितेंद्र तोमर ने उनके यहां से स्नातक किया है. इस मामले की जांच में सहयोग की इच्छा जताते हुए यूनिवर्सिटी अपने इस पिछले रुख पर कायम है कि तोमर की बीएससी की डिग्री फर्जी है.
यूनिवर्सिटी के मीडिया प्रभारी एसएन शुक्ला ने कहा, ‘प्रदीप कुमार ने तोमर के अंकपत्र व डिग्री से जुड़े दस्तावेजों के सत्यापन की मांग करते हुए आरटीआई आवेदन दिया था. यूनिवर्सिटी ने 22 जनवरी को जवाब दिया था कि उसके रिकॉर्ड में ऐसा कुछ नहीं है. हम अपने पिछले रुख पर कायम हैं.’ वे तोमर की बीएससी डिग्री पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे.
तोमर ने गिरफ्तारी को चुनौती दी
जितेंद्र सिंह तोमर ने फर्जी डिग्री मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए बुधवार को दिल्ली की एक सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया. याचिका अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव जैन की अदालत में पेश की गई. उन्होंने तोमर की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया और मामले की सुनवाई के लिए गुरुवार का दिन तय किया.
तोमर ने याचिका में अपनी गिरफ्तारी को यह कहते हुए अवैध बताया कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तारी करने के दौरान उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया. तोमर ने जमानत भी मांगी है.
तोमर पर फर्जी डिग्री दिलाने का शक
दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा कि पुलिस को जितेंद्र तोमर पर कॉलेज के समय फर्जी डिग्री दिलाने का शक है. उन्होंने कहा कि तोमर के दस्तावेज नकली हैं, लेकिन सवाल यह है कि उन्हें बनाया किसने? क्या तोमर ने खुद बनाया है या फिर किसी और से हासिल किया है.
बस्सी ने कहा कि अगर किसी दूसरे व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेज बनाए हैं, तो पुलिस इस रैकेट का भंडाफोड़ करेगी. इसके साथ ही तोमर की मदद करने वाले लोगों की पहचान की जाएगी और इसके लिए जितेंद्र तोमर की मदद ली जाएगी.
इससे पहले मंगलवार को लंबी पूछताछ के बाद तोमर को दिल्ली के साकेत कोर्ट में पेश किया गया था, जहां अदालत ने तोमर को चार दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया. इसके बाद कानून मंत्री ने देर रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.