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आईआईटी-खड़गपुर के प्रोफेसरों ने ट्रेनों की भिड़ंत को रोकने के लिए इलेक्ट्रॉनिक रेलवे इंटरलॉकिंग सिस्टम के लिए एक सॉफ्टवेयर बनाया है. इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से वे एक ही ट्रैक पर आ जाने वाली ट्रेनों को चिन्हित कर उन्हें आपस में टकराने से रोक सकेंगे.
इस आधुनिक टूल को आईआईटी के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने तैयार किया है. इसमें इंडियन रेलवे का सर्विस इम्प्रूवमेंट ग्रुप और रिसर्च, डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन भी साझा हैं.
रेलवे का इंटरलॉकिंग सिस्टम एक क्रिटिकल सिगनल मैकेनिज्म है. यह ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनों को किसी जंक्शन या क्रॉसिंग पर टकराने से रोकता है. वे अब पूरे सिस्टम को दुर्घटनारहित बनाना चाहते हैं.
खड़गपुर-आईआईटी के साइंटिस्ट प्रोफेसर पल्लब दासगुप्ता कहते हैं कि इंटरलॉकिंग इक्विपमेंट का एकदम सटीक होना बेहद जरूरी है. थोड़ी सी लापरवाही हजारों जिंदगियों को तबाह कर सकती है. वे इस मशीन को बनाने के क्रम में कई चरण से गुजरते हैं. पूरी ईमानदारी बरतते हैं.
इसमें वे सिग्नल प्रक्रिया का पूरा खयाल रखते हैं और उसे पुख्ता करने की कोशिश कर रहे हैं. वे आगे कहते हैं कि यह नई मशीन एप्लीकेशन लॉजिक के साथ-साथ उसके सही होने की जांच करती है. इस टेक्नोलॉजी को वे कई जंक्शन, ट्रेनों और यार्ड में टेस्ट कर चुके हैं.