
भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों की संपत्ति पिछले एक साल में करीब 14 लाख करोड़ रुपये कम हुई है, जबकि इसी दौरान बंबई शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई से करीब 18 फीसदी नीचे आ चुका है. सूचकांक चार मार्च, 2015 को रिकॉर्ड 30,024.74 अंक से 5,378.26 अंक या 17.91 फीसदी नीचे आ चुका है.
साल के न्यूनतम स्तर पर सेंसेक्स
इस साल 29 फरवरी को 30 शेयरों वाला सेंसेक्स एक साल के न्यूनतम स्तर 22,494.61 अंक तक चला गया था. शेयर बाजार में गिरावट के साथ निवेशकों की निवेश संपत्ति बाजार मूल्य के हिसाब से 13.82 लाख करोड़ रुपये घटकर 91.56 लाख करोड़ रुपये पर आ गई.
एफपीआई प्रवाह नकारात्मक रहने से भी बाजार की चिंता बढ़ी है. शेयर बाजार को गति देने वाले तत्वों में शामिल एफपीआई ने जनवरी में शुद्ध रूप से शेयर बाजार से 11,126 करोड़ रुपये की निकासी की. वहीं फरवरी में 5,521 करोड़ रुपये बाजार से निकाले गए. शुद्ध एफपीआई प्रवाह 2015 में केवल 3.0 अरब डॉलर रहा.
कई कारणों से बाजार में गिरावट
वैश्विक आर्थिक नरमी को लेकर चिंता, कच्चे तेल के दाम में नरमी, चीनी अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता और कंपनियों के तिमाही परिणाम उत्साहजनक नहीं रहने जैसे कारणों से बाजार में गिरावट दर्ज की गई. विशेषज्ञों के मुताबिक बैंकों के फंसे कर्ज (एनपीए) में वृद्धि और विभिन्न क्षेत्रों में कमजोर तिमाही आंकड़ों जैसे घरेलू कारणों से बाजार में गिरावट आई.
कुछ प्रमुख कंपनियों के शेयरों में जोरदार गिरावट दर्ज की गई. भेल जहां 60 फीसदी से अधिक नीचे आया, वहीं टाटा मोटर्स 40 फीसदी और एसबीआई 36 फीसदी कमजोर हुआ.