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अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम अब पाकिस्तान की सरजमी से भारत में नकली
नोटों का कारोबार नही कर पायेगा. भारत ने अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी के
साथ मिलकर जो मसौदा तैयार किया है, उससे दाऊद का ये काला कारोबार खत्म हो
जाएगा.
पाकिस्तान में रहने वाला दाऊद इब्राहिम आईएसआई की मदद से भारत में नकली नोट भेजकर आर्थिक आतंकवाद को बढ़ावा देने में जुटा है. भारतीय खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि डी कंपनी भारत में लगातार जाली नोटों की सप्लाई कर रही है. भारत ने दाऊद के इस कारोबार को रोकने के लिए अमेरिका से जानकारी साझा की है. आज तक के पास मौजूद दस्तावेज के मुताबिक दाऊद की मदद करने वाले पाकिस्तानी मददगारों पर नकेल कसने के लिए भारत अमेरिका की मदद लेगा.
प्रस्तावित मसौदे के प्रावधानों के मुताबिक नकली नोटों के कारोबार को रोकना दोनों देशो की प्राथमिकता है. सूत्र बताते हैं कि अगर पाकिस्तान आईएसआई और दाऊद को नकली नोटों के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए नहीं कहता है तो उसे करेंसी छापने के लिए कागज, स्याही और प्रिटिंग मशीन के लाले पड़ सकते हैं. आज तक के पास मौजूद दस्तावजों में ये साफ लिखा है कि भारत और अमेरिका नकली नोटों के कारोबार में शामिल देशों को नोट छापने वाले कागज, स्याही और मशीन की सप्लाई बंद करने की तैयारी में हैं.
डॉन दाऊद इब्राहिम आईएसआई की मदद से नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड और खाड़ी देशों के जरिए नकली नोट भारत पहुंचाता है. भारत विरोधी आतंकी संगठनों की फंडिंग का यह सबसे बड़ा जरिया बन गया है. भारत की तमाम कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान की सरजमी पर बैठा आतंक का ये आका अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है.
खुफिया एजेंसियों का मानना है कि कराची में रहने वाला दाऊद इब्राहिम ने नकली भारतीय नोटों को छापने और उनको भारत भेजने के लिए दुबई और मोरक्को में रहने वाले अपने लोगों को इस कारोबार से जोड रखा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान की उन प्रिंटिंग प्रेसों में नकली भारतीय नोट छपवाता जहां पाकिस्तानी नोट छापते हैं. ये सब नकली नोटों की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए किया जाता है.