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हिंसा पीड़ितों से मिलने पहुंची आनंदीबेन, राहुल और केजरीवाल भी जाएंगे ऊना

गुजरात के ऊना में गौरक्षक दलों की दबंगई से भड़के दलित समुदाय के गुस्से को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल बुधवार को घटनास्थल पर जाएंगी. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को गुजरात का दौरा करनेवाले हैं.

आनंदीबेन पटेल आनंदीबेन पटेल
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 20 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 3:15 PM IST

गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ऊना हिंसा में पीड़ि‍त दलित परिवार से मिलने बुधवार को सामढियाला पहुंची. सीएम के साथ उनके मंत्रिमंडल के दो मंत्री और चीफ सेक्रेटरी भी मौजूद रहे, वहीं आगे राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल भी ऊना का दौरा करने वाले हैं.

'30 दिनों में चार्जशीट, विशेष दल से जांच'
पीड़ि‍तों और उनके परिजनों से मुलाकात के बाद आनंदीबेन पटेल ने कहा, 'मैं घटना की निंदा करती हूं. ऐसी वारदात आगे ना हो इसके लिए लोगों से अपील कर रही हूं. सभी पीड़ि‍तों को 4 लाख के मुआवजे की घोषणा की गई है, इसमें से 1 लाख का चेकर उन्हें दे दिया गया है.' सीएम ने आगे कहा कि मामले में 30 दिनों के अंदर चार्जशीट दी जाएगी. विशेष दल से पूरे मामले की जांच की जाएगी. अभी तक 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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उन्होंने घटना को राजनीतिक मुद्दा बनाए जाने को लेकर सियासी दलों की निंदा की. सीएम आनंदीबेन ने कहा, हमने केंद्रीय गृह विभाग को, वेंकैया जी को हर तरह की जानकारी दे दी थी. ऐसी वारदात को कभी राजनैतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए. मेरी सभी पार्टियों से विनती है कि वे इस पर राजनीति ना करें. इस घटना को मानवता के आधार पर देखें.

बता दें कि आनंदीबेन ने इस मामले में पहले ही सीआईडी जांच के आदेश दे दिए हैं. मामले में अब‍ तक 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

संसद में भी सियासी संग्राम
गुजरात के ऊना में गौरक्षक दलों की दबंगई से भड़के दलित समुदाय का गुस्सा जहां एक ओर सड़कों पर आ गया है, वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस पर सियासत के सुर तेज हो गए हैं. कांग्रेस ने बुधवार को राज्यसभा यह मुद्दा उठाया, जिसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ.

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी गुरुवार को गुजरात का दौरा करने वाले हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी ऊना जाने का ऐलान किया है. इस तरह दलित समुदाय के नौजवानों के साथ हुए अत्याचार के मामले पर सूबे की सियासत तेज हो गई है.

पीड़ित परिवार से मिलेंगी आनंदीबेन
विधानसभा चुनाव की नजदीकी और दलित वोट बैंक की वजह से अचानक आनंदीबेन पटेल को दलितों की याद आई और उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलने का फैसला कर लिया. दलितों के गुस्से और सड़क पर उतरने के इस वाकए ने उन्हें एक साल पहले हुए पाटीदार आंदोलन की याद दिला दी है.

दलित वोट बैंक को नाराज नहीं करेगी बीजेपी
ऊना मामले के दलित सड़क पर उतर रहे हैं. कई नौजवानों ने खुदकुशी का ऐलान किया. गुजरात में एक साल के भीतर ही दूसरे जातीय आंदोलन की सुगबुगाहट तेज हो गई है. इससे आनंदीबेन के सामने 2017 में बीजेपी को बचाने की अहम जिम्मेदारी आ गई है. इस वजह से वह दलितों को नाराज कर घाटे का सौदा नहीं कर सकती.

गुजरात में 20 साल से सत्ता से दूर कांग्रेस
मामले को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी सियासत तेज कर दी है. राहुल गांधी और केजरीवाल भी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए गुजरात पहुंचने वाले हैं. दरअसल गुजरात में 20 साल से सत्ता से दूर कांग्रेस के लिए अगला विधानसभा चुनाव अस्तित्व की लड़ाई की तरह है.

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कांग्रेस की गतिविधियों के साफ संकेत
सूबे में हाशिए पर दिखती कांग्रेस में पाटीदार पटेल आंदोलन की वजह से थोड़ी जान आ गई है. दलितों पर अत्याचार के इस मामले पर भी उसके तुरंत हरकत में आने और राहुल गांधी के दौरे के ऐलान के पीछे सत्ता में आने की उसके ख्वाब साफ दिख रहे हैं.

तीसरी ताकत बनने की कोशिश में 'आप'
वहीं गुजरात में आम आदमी पार्टी अब तीसरी राजनैतिक पार्टी बनने का सपना देख रही है. सालो से गुजरात में दो ही पार्टी बीजेपी ओर कांग्रेस की ही चली है. आम आदमी पार्टी ने 2017 के चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार खड़े करने की धोषणा कर दी है.

केजरीवाल की पार्टी को मिला मुद्दा
केजरीवाल की पार्टी के लिए गुजरात में यह दलितों से जुड़ा मुद्दा तो बैठे-बिठाए मिल गया. राज्य में दलित वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा सालों से कांग्रेस को मिलता आ रहा है. केजरीवाल उसे खुद से जोड़ना चाहते हैं. दिल्ली में कांग्रेस का वोट अपनी पार्टी में खींचने के बाद वह यहां भी इसे आजमाने की कोशिश कर रहे हैं.

ऐसे शुरू हुआ मामला
गोहत्या की चर्चा होने पर 11 जुलाई को ऊना में 5 नौजवानों को गौरक्षक दलों के कार्यकर्ताओं ने पहले अकेले में फिर बाजार में सरेआम जमकर पीटा. दबंगई की इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सोमवार 18 जुलाई से गुजरात में कई जगहों पर इसके विरोध में धरना प्रदर्शन शुरू हो गए.

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सरकार ने की तमाम कार्रवाई
एक के बाद एक प्रदर्शनों से चौंकी गुजरात सरकार ने आनन-फानन में पीड़ितों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने और मारपीट में शामिल होने के संदेह में 16 लोगों की गिरफ्तारी की बात बताई. मामले में लापरवाही बरतने को लेकर स्थानीय पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी कर दिया गया.

विपक्ष ने कहा- देरी से उठाया कदम
आनंदीबेन सरकार ने इस मामले में 60 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही सुनवाई के लिए एक विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट का भी गठन किया है. सरकार की इन कार्रवाइयों को विपक्ष ने देरी से उठाया गया कदम बताया है.

हिंसा की घटना में रोटी सेंकने में राजनीतिक दल
विधानसभा चुनाव को लेकर अत्याचार और इंसाफ की बातों से हटकर यह मामला सियासी रुख अख्तियार कर चुका है. इसके साथ ही तमाम राजनीतिक दल हिंसा की इस घटना में अपनी रोटियां सेंकने में लग गए हैं.

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