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जम्मू कश्मीर के सोपोर में शुक्रवार को हुर्रियत नेताओं ने मार्च बुलाया है. अलगाववादी संगठन हाल के दिनों में नागरिकों की संदिग्ध मौतों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. हिंसक प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए हुर्रियत नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है. मार्च से पहले इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
अधिकारियों ने गुरुवार को शीर्ष अलगाववादी नेताओं को नजरबंद कर दिया, ताकि उन्हें सोपोर जाने से रोका जा सके. सोपोर में संदिग्ध आतंकवादियों ने पिछले तीन हफ्ते में छह लोगों की हत्या कर दी है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी पिछले हफ्ते से ही नजरबंद हैं. इसके साथ ही हुर्रियत के उदारपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक, मोहम्मद श्राफ सेहरई, अयाज अकबर, शब्बीर अहमद शाह और नईम खान की गतिविधियों पर भी गुरुवार को अंकुश लगा दिया गया.
यासीन मलिक हुए गिरफ्तार
जेकेएलएफ के अध्यक्ष मोहम्मद यासीन मलिक को गुरुवार रात बडगाम जिले के चदूरा से गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में उन्हें कोठीबाग थाने भेज दिया गया. जेकेएलएफ, गिलानी और मीरवाइज के नेतृत्व वाले हुर्रियत गुटों ने इस साल 22 मई से बंदूकधारियों के हाथों मारे गए लोगों के परिजनों के लिए एकजुटता जताने के लिए सोपोर में साझा प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना बनाई थी. अलगाववादी संगठनों ने शीर्ष नेतृत्व को नजरबंद किए जाने की आलोचना की, लेकिन सोपोर जाने का संकल्प किया.
उदारवादी हुर्रियत के एक प्रवक्ता ने कहा, 'मीरवाइज की गतविधियों पर रोक लगाने और उन्हें नजरबंद किए जाने के बावजूद, कई हुर्रियत नेता और कार्यकर्ता शुक्रवार को सोपोर की ओर मार्च करेंगे.'