
जम्मू-कश्मीर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने स्वागत किया है. उन्होंने शनिवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है. कश्मीर में जो स्थिति है, उसे लेकर जनता के मन में शंका है. उन्होंने कहा कि पूरे कश्मीर में धारा 144 का आदेश लागू था, इंटरनेट बंद था, संचार ठप था, इसलिए हमने धारा 144 के आदेश को बंद करने और इसे लागू करने के मापदंड तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी.
कपिल सिब्बल ने कहा कि कोर्ट ने अच्छा फैसला दिया है. अगर धारा 144 लगाई जाती है तो प्रशासन उसकी वजह बताएगा ताकि न्यायायिक समीक्षा की जा सके. अब कहीं भी देश में धारा 144 लागू होगी तो उसकी वजह बतानी पड़ेगी.
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कपिल सिब्बल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 144 की वजह से कोई अपने घर से बाहर नहीं निकल पाता था. इंटरनेट बंद होने से कनेक्शन नहीं था. इसलिए वहां के लोगों को क्या हो रहा है वह मालूम नहीं था. यह मुद्दे हमने सुप्रीम कोर्ट में उठाए थे. अगर किसी एरिया में जरूरी है धारा 144 लगाना या इंटरनेट बंद करना तो उसी जगह लगे न कि पूरे प्रदेश में. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब बताना होगा कि कितने घंटे के लिए इंटरनेट बंद कर रहे हैं.
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कपिल सिब्बल ने कहा कि गृह मंत्री जनता की सुनिए. कोई सुल्तान राजा महाराजा थोड़े है कि घर बैठ के आर्डर दे देंगे. आपको जनता ने चुना है और जनता की सुननी पड़ेगी. कपिल सिब्बल का कहना है कि 4 अगस्त को कौन सी इमरजेंसी थी जो आपने प्रतिबंध लागू कर दिया. अगर कहीं आतंकी हमला हो तो अलग बात है लेकिन अब 144 का ऑर्डर रिव्यू होगा.
देश के नागरिकों को भी कश्मीर जाने का हक है
जम्मू-कश्मीर में डेलिगेशन जाने के सवाल पर कपिल सिब्बल ने कहा कि दूसरे लोगों को घुमा रहे हैं. लेकिन देश की राजनीतिक दलों को कश्मीर नहीं जाने दिया जा रहा है. हम तो इस देश के नागरिक हैं. इस देश के नागरिकों को भी कश्मीर जाने का हक है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में लगाई गई तरह-तरह की पाबंदियों को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तल्ख टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि इंटरनेट बैन और धारा 144 तभी लगाया जा सकता है जब उसकी अत्यंत जरूरत हो.
साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि लम्बे समय तक इंटरनेट पर पाबंदी और धारा 144 का लगाया जाना सरकार द्वारा अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने जैसा है. कोर्ट की तरफ से यह तल्ख टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब केंद्र सरकार 17 देशों के राजनयिकों को कश्मीर दौरे पर लेकर गई है.
कोर्ट ने सरकार को घाटी को लेकर जारी किए गए सभी आदेश को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है. कोर्ट के इस निर्देश के बाद नरेंद्र मोदी सरकार को अब पाबंदी से संबंधित सभी जानकारियों को सामने रखना होगा. इसमें सरकार को बताना होगा कि घाटी में कितने दिन से धारा 144 लागू की गई है और उसका आधार व कारण क्या हैं. कोर्ट ने कहा कि कमेटी 7 दिन के भीतर इंटरनेट बैन और धारा 144 की समीक्षा करे.