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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ही एक बड़ा राजनीतिक बदलाव होने जा रहा है. शरद यादव की पार्टी जेडीयू और अजित सिंह का राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) मिलकर नई राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे हैं. विलय के बाद दोनों पार्टियां यूपी में नए नाम और नए चुनाव चिन्ह के साथ विधानसभा चुनाव में उतरेंगी.
जयंत चौधरी ने की विलय की पुष्टि
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अजित सिंह के बेटे और आरएलडी के राष्ट्रीय सचिव जयंत चौधरी ने इस विलय की पुष्टि कर दी है. जयंत ने कहा, 'दोनों पार्टियों में विलय को लेकर सहमति बन गई है.'
छोटी पार्टियों से भी हुई बातचीत
जयंत चौधरी ने बताया कि दोनों पार्टियों के एक होने की प्रक्रिया विलय के औपचारिक ऐलान के बाद शुरू की जाएगी. विलय का औपचारिक ऐलान अगले कुछ दिनों में किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पीस पार्टी और
महान दल जैसी छोटी पार्टियों को भी हमने अपने साथ लाने के लिए बातचीत की थी. उन्होंने दावा कि अपना दल के कृष्णा पटेल ने भी उनके साथ आने की इच्छा जताई थी.
नीतीश ने की विलय की पहल
जेडीयू ने इस विलय की पुष्टि नहीं की है, लेकिन सूत्रों की मानें तो विलय को लेकर पहल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी, जो राष्ट्रीय स्तर मोर्चा बनाने से पहले उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीति हैसियत का
आकलन करना चाहते हैं.
उपचुनाव में जेडीयू ने किया था आरएलडी का समर्थन
उत्तर प्रदेश में हाल में विधानसभा की तीन सीटों के लिए हुए उपचुनाव में जेडीयू ने आरएलडी का समर्थन किया था. दोनों पार्टियां यूपी में कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टियों से गठजोड़ की संभावनाएं भी तलाश रही है.