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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बने जस्टिस जेएस खेहर

जस्टिस खहर के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए. बता दें कि जस्ट‍िस खेहर ऐसे वक्त में चीफ जस्ट‍िस बने हैं, जब कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच जजों की नियुक्ति को लेकर टकराव की खबरें आ चुकी हैं.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया खेहर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया खेहर
लव रघुवंशी
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 11:08 AM IST

जस्ट‍िस जेएस खेहर देश के 44वें चीफ जस्ट‍ि‍स बन गए. बुधवार को उन्होंने राष्ट्रपति भवन में पद ग्रहण करने की शपथ ली. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें शपथ दिलवाई. जस्टिस खेहर देश के पहले सिख चीफ जस्ट‍िस हैं. जस्ट‍िस खेहर का कार्यकाल आठ महीने का रहेगा. मंगलवार को चीफ जस्टिस के पद से टीएस ठाकुर सेवानिवृत हुए थे. जस्टिस खहर के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए. बता दें कि जस्ट‍िस खेहर ऐसे वक्त में चीफ जस्ट‍िस बने हैं, जब कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच जजों की नियुक्ति को लेकर टकराव की खबरें आ चुकी हैं.

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जानें जस्ट‍िस खेहर को
64 साल के जस्टिस जेएस खेहर का पूरा नाम जगदीश सिंह खेहर है और लोग इन्हें इनके सख्त मिजाज की वजह से भी जानते हैं. उनका जन्म पंजाब में हुआ और पंजाब यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की. साल 2011 सितंबर से सुप्रीम कोर्ट के जज बनने वाले खेहर सख्त कानूनी प्रशासक हैं और कोर्ट के समय की बर्बादी को बिल्कुल पसंद नहीं करते. खेहर वकीलों पर भी सख्ती दिखाते हैं. पूरी तैयारी के साथ कोर्ट में न आने पर वकीलों को कई बार डांट सुनने को मिलती है. एक बार सुनवाई के दौरान खेहर कोर्ट रूम से बाहर निकल गए, क्योंकि वकील ने अपने कागजात सही तरीके से पेश नहीं किए थे. दरअसल, खेहर चाहते हैं कि वकील होमवर्क पूरा करके ही कोर्ट आएं.

इन फैसलों की वजह से जाने जाते हैं जस्ट‍ि‍स खेहर

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- NJAC और अरुणाचल में प्रेसिडेंट रूल पर अहम फैसला देने वाली बेंच में रहे हैं. खेहर की अध्यक्षता वाली संविधानिक पीठ ने सरकार की महत्वकांक्षी राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) कानून को खारिज कर दिया था.

- 2जी स्कैम पर फैसला. देश के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला बताए जाने वाले इस मामले की सुनवाई भी जस्ट‍िस खेहर ने ही की थी. करीब 15 महीनों तक जेल में रहने के बाद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा को जमानत दी गई थी.

- सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय पर सुनवाई करने वाली बेंच में भी थे. खेहर और केएस राधाकृष्णन की बेंच ने सहरा के चेयरमैन सुब्रत रॉय सहारा को निवेशकों के पैसे नहीं लौटाने के चलते तिहाड़ जेल भेज दिया था.

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