Advertisement

कर्नाटक: कांग्रेस का ‘मिनिमम एक्सपेंडिचर, मैक्सिमम कैम्पेन’ प्लान

चुनाव आयोग की ओर से कर्नाटक चुनाव में उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर सख्त नजर रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस ने उम्मीदवारों के लिए एक रणनीति तैयार की है जिसे नाम दिया गया है, मिनिमम एक्सपेंडिचर, मैक्सिमम कैंपेन ‘न्यूनतम खर्च, अधिकतम प्रचार’.

कांग्रेस की योजना कांग्रेस की योजना
खुशदीप सहगल/सुप्रिया भारद्वाज
  • नई दिल्ली,
  • 02 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 6:40 PM IST

कर्नाटक के लिए चुनावी रण सजने के साथ ही अब पार्टियों की कवायद है कि तगड़े से तगड़ा उम्मीदवार मैदान में उतारा जाए. कर्नाटक में अब तक सत्तारूढ़ कांग्रेस भी उम्मीदवारों को चुनने के मामले में फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है. कांग्रेस टिकटों के बंटवारे पर ध्यान देने के साथ उम्मीदवारों को आने वाले दिनों में कई तरह की हिदायतें भी देती नज़र आ सकती है.

Advertisement

बता दें कि चुनाव आयोग की ओर से कर्नाटक चुनाव में उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर सख्त नजर रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस ने उम्मीदवारों के लिए एक रणनीति तैयार की है जिसे नाम दिया गया है, मिनिमम एक्सपेंडिचर, मैक्सिमम कैम्पेन ‘न्यूनतम खर्च, अधिकतम प्रचार’.

कांग्रेस इस रणनीति को अमल में लाने के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘जन आशीर्वाद यात्रे’ को प्लेटफॉर्म की तरह इस्तेमाल कर रही है. पार्टी की कोशिश है कि कम से कम खर्च कर अलग-अलग चुनाव क्षेत्रों में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा जाए.  

कर्नाटक के लिए कांग्रेस के महासचिव प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने राहुल की ‘जन आशीर्वाद यात्रे’को हिट बताते हुए कहा, ‘उम्मीदवारों को बताया जाएगा कि चुनाव आयोग की ओर से तय खर्च सीमा कितनी है और उसी के हिसाब से खर्च किया जाए. हम पार्टी अध्यक्ष की ‘जन आशीर्वाद यात्रे’ के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. 70% से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्रों को हम पहले ही कवर कर चुके हैं. इस तरह कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्रों में राहुल गांधी और पार्टी के अन्य सीनियर नेता पहुंचे.’   

Advertisement

चुनाव आयोग ने कर्नाटक चुनाव में हर उम्मीदवार के लिए 28 लाख रुपए चुनावी खर्च की सीमा तय की है. देश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि चुनाव प्रक्रिया जारी रहने के दौरान तीन बार चुनाव खर्च से संबंधित रिपोर्ट प्रकाशित की जाएंगी. इन रिपोर्ट्स को कोई भी नागरिक मात्र एक रुपए में हासिल कर सकेगा.  खर्च की गणना प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू होने के साथ ही शुरू हो गई है.

कांग्रेस कैम्पेन कमेटी के प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा, चुनावी खर्च बड़ी चिंता का विषय है. चुनाव आयोग इस पर बारीकी से नजर रख रहा है. ऐसा ही हम कर रहे हैं. पार्टी उम्मीदवारों की सूची जब जारी हो जाएगी तो हम उनसे खास चौकसी बरतने के लिए कहेंगे. हम अपने उम्मीदवारों के साथ बैठेंगे और ‘उम्मीदवार और निर्वाचन क्षेत्रों के हिसाब से अलग-अलग कैम्पेन’ प्लान बनाएंगे.  

कर्नाटक के लिए कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक 11 और 12 अप्रैल को होने वाली है. हालांकि राहुल गांधी पहले से ही अपनी ‘जन आशीर्वाद यात्रे’ के दौरान स्थानीय नेताओं से संवाद कर रहे हैं. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement