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कठुआ रेप केस: आरोपी पर जुवेनाइल कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ में बच्ची से रेप मामले में एक आरोपी पर जुवेनाइल कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने यह फैसला जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से नगरपालिका और स्कूल रिकॉर्ड के बीच अंतर का हवाला दिए जाने के बाद दिया.

सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 12:05 AM IST

  • जुवेनाइल कानून के तहत कार्रवाई पर रोक
  • JK HC ने आरोपी को जुवेनाइल ही माना था

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में बच्ची से रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक आरोपी पर जुवेनाइल कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है. जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से अपील किए जाने के बाद कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी किया है.

मामले में जम्मू-कश्मीर सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की थी. जम्मू-कश्मीर सरकार ने नगरपालिका और स्कूल रिकॉर्ड के बीच अंतर का हवाला दिया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ में हुए गैंग रेप और हत्याकांड के मामले में कथित रूप से शामिल एक नाबालिग के खिलाफ जुवेनाइल कोर्ट में सुनवाई पर शुक्रवार को रोक लगा दी.

जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने इस सुनवाई पर रोक लगा दी क्योंकि राज्य प्रशासन की ओर से दावा किया गया कि जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने उसे 2018 में अपराध के समय किशोर ठहराने की निचली अदालत के आदेश को गलती से स्वीकार कर लिया.

शीर्ष अदालत ने 7 मई, 2018 को इस मामले की सुनवाई कठुआ से पंजाब के पठानकोट में स्थानांतरित कर दी थी और रोजाना सुनवाई का आदेश दिया था. पिछले साल कठुआ गैंगरेप मामले में पठानकोट की अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी सांजी राम को दोषी करार दिया. साथ ही अन्य चार अन्य भी दोषी करार दिए गए. जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया गया.

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जनवरी 2018 की घटना

जम्मू के कठुआ में 2018 में 10 जनवरी को 8 साल की मासूम बच्ची को अगवा कर कथित तौर पर एक मंदिर में उसे 3 दिन तक बंधक बनाकर रखा गया. इस दौरान एक पुलिसकर्मी सहित 8 लोगों ने उसके साथ गैंग रेप किया. फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान पीड़ित बच्ची को भांग और नशीली दवाओं का ओवरडोज देकर अचेत रखा जाता था.

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पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, पीड़िता की 13 जनवरी को गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी. 16 जनवरी को लड़की का शव इलाके में ही फेंक दिया गया. पुलिस के मुताबिक, 7 दिनों तक लगातार अत्याचार सहने के बावजूद पीड़िता इसलिए मदद के लिए चीख पुकार नहीं मचा सकी, क्योंकि किडनैप किए जाने के थोड़ी ही देर बाद आरोपियों ने बच्ची को भांग खिला दी थी.

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