
पानी की किल्लत झेल रही दिल्ली को राहत पहुंचाने के लिए केजरीवाल सरकार एक ऐसी योजना पर काम कर रही है, जिसमें बाढ़ के पानी को दिल्लीवालों के लिए स्टोर किया जा सकेगा. सरकार का दावा है कि ये दुनिया की पहली ऐसी योजना होगी जहां दिल्ली के पास एक महीने का इमरजेंसी बेक अप होगा.
कपिल मिश्रा ने लिया योजना का जायजा
बुधवार की सुबह जल मंत्री कपिल मिश्रा अपने अधिकारियों की टीम लेकर पल्ला और बजीराबाद के बीच इस योजना को लेकर जायजा लेने पहुंचे. जहां रेनी वेल और ट्यूब वेल को ऑपरेट करने की तैयारी चल रही है. सरकार ने रेनी वेल और ट्यूब के सहारे नदी से आए बाढ़ के पानी को स्टोर करने का प्लान तैयार किया है. पानी को पल्ला के इलाके में स्टोर करने के लिए सेंटर बनाया जा रहा है. रेनी वेल और ट्यूब वेल की देखरेख के लिए हाई टेक्नोलॉजी स्क्रीन लगाई जाएंगी.
अगले साल से सप्लाई की तैयारी
'आज तक' को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक सरकार का दावा है कि कुल 104 ट्यूब वेल और रेनी वेल 2017 तक एक्टिव कर लिए जाएंगे. स्टोर किए गए पानी को शहर तक पहुंचाने के लिए 11 किलोमीटर के इलाके में पाइप लाइन बिछाने का काम किया जाएगा. सरकार एक दिन में 60 MGD पानी स्टोर करने का दावा कर रही है.
स्टोरेज पानी को साफ करना एक बड़ी चुनौती
इस प्लान के जरिये जल बोर्ड बाढ़ का पानी जमा तो कर लेगा. लेकिन ट्यूब वेल के पानी को साफ करना एक बड़ी चुनौती है. दिल्ली जल बोर्ड की एक्सपर्ट टीम की मानें तो ट्यूब बेल की सतह पर आयरन और मैगनीज की मात्रा ज्यादा होती है, इस वजह से सरकार ऐसे सेंसर का इस्तेमाल करने जा रही है जो विषैले पानी की जानकारी दे सके. हालांकि वर्तमान में पानी की किल्लत से पूरी तरह निजात तो नहीं, लेकिन सरकार का कहना है कि वो भविष्य के लिए तैयार हो रही है.
बजीराबाद से पल्ला के बीच जल बोर्ड 18 नए ट्यूब बेल लगाने का प्लान तैयार कर चुका है, जबकि बाढ़ के बाद 35 मिलियन गेलन पानी स्टोर करने की क्षमता वाला एक टैंक बनाया जाना है. फिलहाल सरकार 2017 की गर्मी में इस योजना के जरिये स्टोर हुए पानी से सिरसपुर, बवाना और साउथ दिल्ली के इलाकों को पानी की पूर्ति करने का दावा कर रही है.