
बुधवार से एमसीडी कर्मचारियों की एक यूनियन तीन दिन की हड़ताल पर चली गई है. वहीं दूसरी यूनियन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन कर रही है. साथ ही MCD कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है.
अदालत ने दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और एमसीडी से जवाब मांगा है. हाई कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिए हैं कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि सफाई कर्मचारी नौकरी पर किसी तरह की परेशानी का सामना न करें.
जहां सैलरी और एरियर न मिलने से नाराज एमसीडी के करीब 1.5 लाख कर्मचारियों ने दिल्ली सरकार पर हमला बोल दिया है वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुधवार को खांसी और डायबिटीज के इलाज के लिए 10 दिनों की छुट्टी पर बंगलुरु चले गए हैं. सीएम बंगलुरु स्थित प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र जिंदल नेचर क्योर इंस्टीट्यूट में इलाज कराने गए हैं. गौरतलब है कि पिछले साल भी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मार्च में उन्होंने 12 दिन तक इसी संस्थान में इलाज कराया था जिसके बाद उनकी खांसी और मधुमेह के स्तर पर काबू पाया गया था.
दो यूनियन करेंगी अलग-अलग प्रदर्शन
स्वतंत्र मजदूर विकास संयुक्त मोर्चा और यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एमसीडी एंप्लॉयीज के सदस्य नगर निगम कर्मियों की एक यूनियन जहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित घर के बाहर प्रदर्शन कर रही है. वहीं दूसरी यूनियन जंतर-मंतर पर तीन दिन के लिए हड़ताल शुरू करेगी.
सफाई कर्मचारी ही नहीं टीचर्स, नर्सें, इंजिनियर्स भी करेंगे हड़ताल
इसमें स्वतंत्र मजदूर विकास संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संजय गहलोत और सलाहकार आरबी उटवाल ने बताया कि वह मुख्यमंत्री से चौथे वित्त आयोग की सिफारिशें जल्द से जल्द लागू करने की मांग करेंगे. यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एमसीडी एंप्लॉयीज के महासचिव राजेंद्र मेवाती ने दावा किया है कि उनके फ्रंट को तीनों एमसीडी के तमाम विभागों के कर्मचारियों का समर्थन प्राप्त है. इसमें न केवल सफाई कर्मचारी बल्कि टीचर्स, नर्सें, इंजिनियर्स और अन्य कर्मचारी शामिल हैं. इन्होंने बताया कि बुधवार से तीन दिन के लिए सांकेतिक हड़ताल शुरू की जाएगी. इसमें सभी कर्मचारी काम नहीं करेंगे और सिविक सेंटर पर भी प्रदर्शन किया जाएगा.
मांगे नहीं मानी तो अनिश्चित समय के लिए होगी हड़ताल
तीनों निगमों के एमसीडी कर्मियों की मुख्य मांगे हैं कि सभी कर्मचारियों की सैलरी हर महीने की एक तारीख को दी जाए. सभी को बकाए भत्ते दिए जाएं और आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए तीनों नगर निगम को एक किया जाए. उन्होंने कहा कि अगर इन तीन दिनों में उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी.