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अगर आपके हौसले बुलंद हैं तो कोई भी मुसीबत आपको आगे जाने से रोक नहीं सकती है. यह साबित कर दिखाया है मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखने वाले सी वनमती और एस राजेश ने. यूपीएससी एग्जाम क्लियर करने वाले उम्मीदवारों में इन दोनों का नाम भी शामिल है. सी वनमती के पिता जहां एक कैब ड्राइवर हैं वहीं राजेश के पिता एक किसान हैं.
यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम में 152 रैंक पाने वाली वनमती के पिता चेन्नईअप्पन खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. वे कहते हैं ,'मैं पढ़ा लिखा नहीं हूं और ना ही मेरी पत्नी कभी स्कूल गई है, मैं बहुत खुश हूं और मुझे उम्मीद है कि मैं जल्दी ठीक हो जाउंगा.'
सी वनमती के पिता फिलहाल रीढ़ की हड्डी की चोट की वजह से हॉस्पिटल में हैं. तमिलनाडु के इरोड जिले की रहने वाली वनमती कहती हैं, 'मैंने बारहवीं क्लास पास की तो रिश्तेदारों ने मेरी शादी के लिए दवाब डालना शुरू कर दिया, लेकिन मैं अपने परिवार और समाज की स्थिति सुधारने के लिए आगे पढ़ना चाहती थी.'
आईएएस बनने की प्रेरणा
सी वनमती को आईएएस बनने के प्रेरणा एक टीवी सीरियल से मिली. वो बताती हैं कि टीवी सीरियल 'गंगा यमुना सरस्वती' में लेडी आईएएस ऑफिसर के किरदार ने काफी प्रेरित किया. वनमती एमसीए ग्रेजुएट हैं और हाल ही में उनकी प्राइवेट बैंक में असिस्टेंट मैनेजर की नौकरी लगी है.
किसान परिवार की वजह से इंटरव्यू में हुई आसानी
यूपीएससी एग्जाम में 767 रैंक पाने वाले एस राजेश के पिता एक किसान हैं. एस राजेश को विश्वास था कि वो यूपीएससी एग्जाम क्लियर कर लेंगे. दरअसल उनसे इंटरव्यू राउंड में जो सवाल पूछे गए वो खेती से जुड़े थे. चूंकि खेती उनका पेशा था इसलिए उन्हें जवाब देने में कोई पेरशानी नहीं हुई.
मुसीबतों से हिम्मत नहीं हारी
तमिल मीडियम से पढ़ाई करने वाले एस राजेश ने अपनी जिंदगी में काफी संघर्ष किया है. अन्ना यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग में एडमिशन उन्हें काफी मुश्किल से मिला, यही नहीं राजेश पहले सेमेस्टर में इंग्लिश में फेल हो गए. लेकिन दोस्तों की मदद और अखबार पढ़कर उन्होंने अपने लैंग्वेज स्किल्स को मजबूत किया और यूपीएससी एग्जाम भी पास करके दिखाया.