
रियो ओलंपिक के दौरान खेल मंत्री विजय गोयल को लेकर हुए विवाद पर लोकसभा सांसद कीर्ति आजाद ने 'आज तक' से कहा कि ऐसी घटनाओं से देश का नाम बदनाम होता है. आजाद बोले की खेल और राजनीति में फर्क होता है.
अपनी सीमाएं पता होनी चाहिए
खेल मंत्री के मैदान में उतरने और खिलाड़ियों के साथ सेल्फी लेने पर ओलंपिक कमेटी ने गोयल की मान्यता रद्द करने की चेतावनी दी थी. इस पर कीर्ति आजाद ने कहा कि खेल का अलग डिसिप्लिन होता है. आपको
उसके मुताबिक काम करना होता है. एक एक्रिडिटेड एरिया होता है. वहां सिर्फ वही आदमी जा सकता है जिसे एक्रेडिटेशन मिला हो. आजाद ने कहा कि मैं एक खिलाड़ी हूं. मैं भी चुनिंदा जगहों पर ही जा सकता हूं. मैं
ड्रेसिंग रूम में नहीं जा सकता. ग्राउंड में नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि यह नेतागीरी नहीं है. यह खेल है. खेल के अंदर कोई नेता हो या मंत्री उसे अपनी सीमा मालूम होनी चाहिए.
जानबूझकर बवाल हुआ या नहीं, वक्त बताएगा
विजय गोयल के यह कहने पर कि जानबूझकर बवाल खड़ा किया गया, आजाद बोले कि यह वक्त बताएगा. लेकिन इससे देश का नाम जरूर बदनाम होता है. आजाद ने कहा कि हो सकता है मंत्री जी ने बवाल न खड़ा
किया हो. लेकिन मैं और मेरे साथ सब लोग जाएं और बखेड़ा करें. तो उन सबकी जिम्मेदारी भी मेरी ही है. यह कोई पॉलिटिकल फंक्शन नहीं है कि एक मंच पर 10 लोग बैठे थे. 25 बैठ गए हैं. किसी को उठा दिया,
किसी को बैठा दिया. यह खेल है. खेल अनुशासन के लिए जाना जाता है.