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पटना के स्वाभिमान रैली में दिखी लालू की पर्चीगीरी

ऐतिहासिक गांधी मैदान में महागठबंधन की स्वाभिमान रैली कितनी सफल रही इसका फैसला तो विधानसभा चुनाव में ही होगा. लेकिन तमाम सियासी दिग्गजों की मौजूदगी में भी सबसे ज्यादा तालियां और सुर्खि‍यां आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने ही बटोरीं.

स्वाभि‍मान रैली के दौरान लालू प्रसाद स्वाभि‍मान रैली के दौरान लालू प्रसाद
aajtak.in
  • पटना,
  • 30 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 6:49 PM IST

ऐतिहासिक गांधी मैदान में महागठबंधन की स्वाभिमान रैली कितनी सफल रही इसका फैसला तो विधानसभा चुनाव में ही होगा. लेकिन तमाम सियासी दिग्गजों की मौजूदगी में भी सबसे ज्यादा तालियां और सुर्खि‍यां आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने ही बटोरीं.

लालू रविवार को अपने पूरे फॉर्म में दिखे. उन्होंने अपने खास अंदाज में जहां चुटकियों के जरिए नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर वार किया, वहीं साथ लाई फाइल और जेब से पर्ची निकालकर एक नए अंदाज में मोदी सरकार की नीतियों पर पुख्ता प्रहार भी किया.

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लालू का यह अंदाज इसलिए नया था कि अब तक वह शब्दों की बाजीगरी और जुमलों के जरिए ही विरोधियों पर वार करते रहे हैं. लेकिन इस रैली में एक हरी रंग की फाइल में अखबारों की कतरनों और जेब में रखी पर्ची में लिखे आंकड़ों के बल पर उन्होंने मोदी सरकार को उन्हीं के अंदाज में जवाब दिया.

आरजेडी प्रमुख ने कहा-

- बीजेपी कहीं से भी दलितों की पार्टी नहीं है.

- मोदी विकास की बात करते हैं. गुजरात की बात करते हैं, लेकिन वह बताएं कि आज गुजरात की हालत क्या है.

- प्रधानमंत्री ने आज अपनी भागलपुर रैली रद्द कर दी क्योंकि वह हमारे गठबंधन की ताकत और इस रैली से डर गए हैं.

- नरेंद्र मोदी ने गंगा को धोखा दिया है.

- वह स्मार्ट सिटी की बात करते हैं, लेकिन लालू स्मार्ट सिटी नहीं स्मार्ट विलेज चाहता है.

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- बिहारी मूर्ख नहीं हैं. नरेंद्र मोदी ने बिहारियों को अपमान किया है.

- बीजेपी यादवों को तोड़ना चाहती है, लेकिन यह संभव नहीं है. यादव कभी लालू को नहीं छोड़ सकते.

- वो बिहार की बोली लगाते हैं पर प्याज की कीमतों का क्या. 40 रुपया, 50 रुपया, 60 रुपया, 80 रुपया हो गया प्याज का दाम.

- वो कहते हैं नीतीश के साथ लालू मिल गया जंगलराज आ गया. तो क्या यादवों के कारण बिहार में जंगलराज है.

- नरेंद्र मोदी बिहार में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना चाहते हैं. वह हिंदुओं और मुसलमानों को लड़ाना चाहते हैं.

- मैं कहना चाहता हूं कि ये जंगलराज-2 नहीं, बल्कि मंडलराज-2 है.

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