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संभाजी भिड़े के समर्थन में वीर महार के वंशज, कहा- आरोप बेबुनियाद

1818 में भीमा कोरेगांव रणसंग्राम के सरसेनापति वीर शिदनाक महार के 15वें वंशज अभिजीत इनामदार ने कहा कि संभाजी भिडे गुरुजी दलित विरोधी नहीं हैं.

संभाजी भिडे संभाजी भिडे
पंकज खेळकर /सुरभि गुप्ता
  • पुणे,
  • 08 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 10:54 AM IST

हिंदू धर्म की 24 जातियों के संगठनों ने सांगली में मांग की है कि भीमा कोरेगांव मामले में संभाजी भिडे गुरुजी पर लगाए गए सभी आरोपों को वापस लिया जाए. संगठन की मांग है कि इस मामले की पूरी जांच करके दोषी पर कड़ी कार्रवाई की जाए. 1818 में भीमा कोरेगांव रणसंग्राम के सरसेनापति वीर शिदनाक महार के 15वें वंशज अभिजीत इनामदार ने कहा कि संभाजी भिडे गुरुजी दलित विरोधी नहीं हैं. भीमा कोरेगांव मामले में उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. इनमादार ने कहा कि हिंदू धर्म में हजारों जाति होने के कारण उनमें फूट डालने के लिए यह सारा षड्यंत्र रचा गया है.

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क्या है पूरा मामला?

कोरेगांव भीमा की लड़ाई को 200 वर्ष होने के उपलक्ष्य में 1 जनवरी 2018 को आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने लाखों की संख्या में लोग आए थे. पुणे के भीमा-कोरेगांव में एक कार्यक्रम के दौरान अचानक हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में एक युवक की मौत भी हो गई. गांव में भड़की हिंसा के बाद जातिगत हिंसा पूरे महाराष्ट्र में फैल गई.

संभाजी भिडे ने खारिज किए आरोप

भीमा-कोरेगांव हिंसा को भड़काने के मामले में संभाजी भिडे (84) के खिलाफ शिकरपुर पुलिस ने मामला दर्ज किया है. जबकि भिडे ने खुद पर लगे सभी आरोपों को आधारहीन बताते हुए हिंसा फैलाने की घटना को राजनीतिक साजिश करार दिया है. भिडे ने कहा, 'मेरे खिलाफ बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश अंबेडकर के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं. मेरा सरकार से अनुरोध है कि वह मामले की गहन जांच कराए और दोषियों को सजा दे. अगर मैं दोषी पाया जाता हूं तो मैं नतीजा भुगतने के लिए तैयार हूं.'

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