
नोटबंदी की पहली सालगिरह पर एक तरफ कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दल जहां काला दिवस मनाने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं जीएसटी लागू होने के तीन महीने बीतने पर भी उसकी आलोचना का सिलसिला जारी है. जीएसटी का पूरा नाम यूं तो गुड्स एंड सर्विस टैक्स है, लेकिन हर दिन विपक्षी दल इसे नया नाम दे रहे हैं.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब तृणमूल कांग्रेस नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीएसटी का नामकरण किया है. ममता बनर्जी ने जीएसटी की आलोचना करते हुए इसे 'ग्रेट सेल्फिश टैक्स' करार दिया है.
जनता को तंग करने के लिए जीएसटी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी का प्रयोग लोगों को तंग करने और देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करने के लिए जा रहा है. उन्होंने नोटबंदी को भी एक आपदा के रूप में परिभाषित किया और ट्विटर उपयोगकर्ताओं से आग्रह किया कि वे नोटबंदी के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए अपनी डिस्पले पिक्चर को काले रंग से बदल दें.
जीएसटी से निपटने में सरकार विफल
ममता ने ट्वीट कर कहा, 'ग्रेट सेल्फिश टैक्स लोगों को परेशान करने के लिए लगाया गया है, नौकरियां छीनने के लिए. व्यवसाय को चोट पहुंचाने के लिए. अर्थव्यवस्था को खत्म करने के लिए. जीएसटी से निपनटने में सरकार पूरे तरीके से विफल हो चुकी है.'
ममता ने कहा, 'नोटबंदी एक आपदा है. 8 नवंबर को देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करने वाले घोटाले के खिलाफ विरोध किया जाएगा. साथ ही हम लोगों को इसका विरोध करते हुए अपनी ट्विटर डीपी का रंग काला कर देना चाहिए.'
ममता बनर्जी ने खुद अपने ट्विटर अकाउंट की डीपी का रंग काला कर दिया है. ममता ने अपने पार्टी नेताओं को नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर 8 नवंबर को काला दिवस मनाने का निर्देश दिया है.
बता दें कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500-1000 के नोट पर पाबंदी लगाने की घोषणा की थी. पूरा विपक्ष मोदी सरकार के इस फैसले के विरोध में 8 नवंबर को काला दिवस के रूप में मना रहा है.