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मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ से आए एक आदमखोर बाघ को इन दिनों भोपाल के वन विहार में रखा गया है. दरअसल इसके और इसके भाई के आदमखोर होने की खबर के बाद से ही दोनों को बांधवगढ़ नेशनल पार्क के एक एनक्लोजर में रखा गया था लेकिन 27 जून को इनमें से एक बाघ को भोपाल के वन विहार भेज दिया गया जिसे अब यहां के माहौल के अनुरूप ढाला जा रहा है.
बांधवगढ़ से भोपाल लाए गए बाघ का नाम वन विहार के कर्मचारियों ने बंधु रखा है. बांधवगढ़ के खुले जंगलों में घूमने वाला ये बाघ पिलहाल भोपाल में बने वन विहार के 10 बाय 12 के बाड़े में यहां के माहौल में ढलने की कोशिश कर रहा है. बंधू 5 साल का है. बांधवगढ़ के आसपास के गांव वालों में इसकी इतनी दहशत थी कि कोई इसके इलाके में जाने की हिम्मत नहीं करता था. लेकिन भोपाल आते ही इसकी वो दहाड़ और खौफ दोनों ना जाने कहां चले गए हैं.
जंगल से सिमटा बाड़े में
वन विहार प्रबंधन के मुताबिक बांधवगढ़ में इसके घूमने वाले इलाकों में एक के बाद एक 4 से 5 लोगों की लाशें मिलने के बाद इसे और इसके भाई को आदमखोर घोषित कर दिया गया और फिर दोनों को बांधवगढ़ में ही बने एक एनक्लोजर में रख दिया गया. बीती 27 जून को इसे बांधवगढ़ से भोपाल शिफ्ट कर दिया गया. हालांकि इसके भाई को अभी बांधवगढ़ में ही रखा गया है.
भोपाल के माहौल में ढाला जा रहा है
वन विहार के डायरेक्टर अतुल श्रीवास्तव के मुताबिक फिलहाल बाघ स्वस्थ है और उसको यहां के माहौल में ढाला जा रहा है. वन विहार के अधिकारियों के मुताबिक बंधू एक बेहद चौकन्ना और फुर्तीला बाघ है. फिलहाल बाघ को दर्शकों की नजर से दूर रखा गया है. एक बार भोपाल के माहौल में ढ़लने के बाद अगस्त के आखिर तक इसे जनता के सामने लाया जा सकेगा.