Advertisement

नासिक में सेंध के डर से BJP ने अपने पार्षदों को 600 किमी दूर रिजॉर्ट भेजा

नासिक म्युनिसिपल कारपोरेशन पर बीजेपी का क़ब्जा है. पार्टी को 22 नवंबर को अपना मेयर चुनना है. शिवसेना भी इस मामले में जोखिम नहीं लेना चाहती. इसलिए शिवसेना ने भी अपने 34 पार्षदों को मुंबई के पास एक होटल में पहुंचा दिया है.

देवेंद्र फडणवीस के साथ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो) देवेंद्र फडणवीस के साथ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
कमलेश सुतार/पंकज उपाध्याय
  • मुंबई,
  • 18 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:06 PM IST

  • मुंबई मेयर चुनाव से बीजेपी ने खुद को किया अलग
  • कॉर्पोरेशन में बीजेपी के पास आंकड़े पर्याप्त नहीं
  • शिवसेना ने 34 पार्षदों को मुंबई के रिजॉर्ट में ठहराया

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना गठबंधन पर तकरीबन फुल स्टॉप लग गया लगता है तो इसका असर स्थानीय निकाय चुनावों पर भी देखा जा सकता है. नासिक में बीजेपी को डर है कि उसके पार्षदों पर शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठजोड़ सेंध लगा सकता है. यही वजह है कि बीजेपी ने अपने सभी पार्षदों को नासिक से 600 किलोमीटर दूर सिंधुगढ़ के एक रिजॉर्ट में पहुंचा दिया है.

Advertisement

नासिक म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन पर बीजेपी का क़ब्जा है. पार्टी को 22 नवंबर को अपना मेयर चुनना है. शिवसेना भी इस मामले में जोखिम नहीं लेना चाहती. इसलिए शिवसेना ने भी अपने 34 पार्षदों को मुंबई के पास एक होटल में पहुंचा दिया है.

122 सदस्यीय नासिक म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में बीजेपी के पास 65 पार्षद हैं. पहले बीजेपी के 67 पार्षद थे लेकिन दो के इस्तीफा देने की वजह से ये संख्या 65 रह गई. बीजेपी के लिए परेशानी की वजह ये भी है कि उसके 12 पार्षद सिंधुगढ़ में रिजॉर्ट नहीं पहुंचे और उनका कोई अता-पता नहीं चल रहा. नासिक म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में शिवसेना के 34, कांग्रेस के 6, एनसीपी के 6 और एमएनएस के 5 पार्षद हैं. कॉर्पोरेशन में 5 निर्दलीय/अन्य पार्षद भी हैं.   

एनसीपी-शिवसेना आए साथ

म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में बीजेपी के तख्ता पलट के मौके को भांपते हुए एनसीपी ने शिवसेना को समर्थन देने का एलान कर दिया. एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने इंडिया टुडे से कहा, हम बीजेपी को नासिक और अन्य म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की सत्ता से बाहर रखने के लिए शिवसेना को समर्थन करेंगे. हालांकि जो अंतिम फैसला लिया जाएगा वो कांग्रेस को विश्वास में लेकर ही किया जाएगा.

Advertisement

मुंबई मेयर चुनाव से बीजेपी ने खुद को किया अलग

इस बीच, बीजेपी ने साफ किया है कि वो बृह्न्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (बीएमसी) में मेयर पद का चुनाव नहीं लड़ेगी. ये चुनाव 22 नवंबर को होना है. बीजेपी नेता मनोज कोटक ने इंडिया टुडे टीवी को सोमवार को बताया, “बीजेपी की ओर से शिवसेना के ख़िलाफ़ मेयर का उम्मीदवार नहीं खड़ा किया जाएगा क्योंकि हमारे पास कॉर्पोरेशन में आंकड़े नहीं है.”

शिवसेना उम्मीदवार को समर्थन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर मनोज कोटक ने कहा कि पार्टी को अभी इस मुद्दे पर फैसला लेना बाकी है.

'2022 में बीजेपी को बहुमत'

बीजेपी नेता आशीष शेलार ने ट्वीट में कहा, “फिलहाल बीएमसी में हम अल्पमत में हैं. हमारे पास पर्याप्त आंकड़े नहीं हैं. लेकिन हम विपक्ष के साथ हाथ नहीं मिलाएंगे. 2022 में हमारे पास बहुमत का आंकड़ा होगा और हमारा ही मेयर होगा.

जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो वो अभी पत्ते खोलने को तैयार नहीं है. महाराष्ट्र में कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उन्हें हाई कमान के निर्देशों का इंतज़ार है. कांग्रेस नेता रवि राजा के मुताबिक “हमारे पार्षद सोमवार दोपहर को बैठक करने जा रहे हैं जहां उन्हें पार्टी हाईकमान के फैसले से अवगत कराया जाएगा.”  

Advertisement

2017  में शिवसेना और बीजेपी ने अलग अलग चुनाव लड़ा था लेकिन बीजेपी ने शिवसेना के मेयर उम्मीदवार विश्वनाथ महादेश्वर को समर्थन दिया. उस वक्त शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दबाव की रणनीति से काम लिया था. सूत्रों ने बताया कि बीजेपी अब बीएमसी में विपक्ष के नेता पद के लिए आवेदन कर सकती है.

बता दें कि बीएमसी देश के सबसे अमीर स्थानीय निकायों में से है. अब बदले राजनीतिक घटनाक्रम में  बीएमसी में मेयर पद का चुनाव पहला ऐसा मौका होगा जब शिवसेना और बीजेपी आमने सामने होंगे. 18 नवंबर तक पार्टियों को अपने उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगानी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement