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अगर आप विदेश से MBBS करने की सोच रहे हैं तो जान लें कि आपको नीट परीक्षा से गुजरना होगा. NEET में पास होने के बाद ही आपको विदेशी संस्थान से मेडिकल
की पढ़ाई करने का मौका दिया जाएगा. इस कवायद का मकसद पैसे और संपर्कों के दम पर विदेशी संस्थानों से मेडिकल की डिग्री हासिल करने वालों पर लगाम लगाना है.
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द पायनियर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय फिलहाल इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए जरूरी कार्रवाई कर रहा है. इस योजना पर अगले
साल से अमल होने के आसार हैं. सूत्रों का कहना है कि विदेशी मेडिकल संस्थानों में योग्यता का ध्यान नहीं रखा जाता और महज पैसे के दम पर वहां दाखिला मिल जाता है. ऐसे में
अयोग्य छात्र भी मेडिकल की डिग्री हासिल कर लेते हैं. वापस भारत आने पर इन स्टूडेंट्स को प्रैक्टिस करने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) का स्क्रीनिंग टेस्ट पास
करना होता है और इसमें ज्यादातर छात्र नाकाम हो जाते हैं.
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पिछले पांच साल के दौरान एमसीआई का स्क्रीनिंग टेस्ट पास करने वाले छात्रों का प्रतिशत 13 से 27 प्रतिशत के करीब रहा है. ज्यादातर भारतीय स्टूडेंट्स अभी देश में किसी मेडिकल कॉलेज में दाखिला न मिल पाने पर चीन, रूस, बांग्लादेश, नेपाल और यूक्रेन आदि से MBBS कर लेते हैं. सरकार का इरादा है कि जो स्टूडेंट NEET में निर्धारित अंक हासिल करेगा उसे ही विदेश से मेडिकल की पढ़ाई के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र दिया जाएगा.