
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दो महीने की अनिश्चिय की स्थिति के बाद शुक्रवार को सरकार गठन को लेकर बीजेपी के साथ आगे बढ़ने के संकेत दिए. उन्होंने कहा कि उन्हें इसको लेकर होने वाली आलोचनाओं का भय नहीं है.
हालांकि, महबूबा ने यह भी कहा कि वह चाहती हैं कि केंद्र एक संकेत दे कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के कल्याण के लिए सब कुछ करेगा. पीडीपी प्रमुख ने राज्यपाल एनएन वोहरा से भी मुलाकात की.
महबूबा ने अपने दिवंगत पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद का नाम लेते हुए कहा, 'उन्होंने बीजेपी के साथ एक पार्टी के तौर पर हाथ नहीं मिलाया था, बल्कि वह गठबंधन केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच था. इसका उद्देश्य राज्य के लोगों की भलाई था.' उन्होंने शुक्रवार को जम्मू से अपनी पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू किया.
'लोगों का लाभ होता है तो कोई बात नहीं'
इस दौरान महबूबा ने कहा, 'हमारे लिए मेरे पिता द्वारा किया गया निर्णय, यदि वह उद्देश्य और वह आकांक्षा की पूर्ति होती है तब मुझे इस बात की परवाह नहीं कि लोग मुझ पर बीजेपी के साथ आगे बढ़ने का आरोप लगाते हैं, चाहे उन्हें अच्छा लगे या बुरा. यदि लोगों को लाभ होता है तो कोई बात नहीं.'
'मैं हठी महिला नहीं हूं'
उन्होंने आगे कहा, 'जब लोगों के हित का सवाल आया, मेरे पिता ने पार्टी की कभी परवाह नहीं की. वह सब कुछ से ऊपर उठे और लोगों के कल्याण के लिए बीजेपी के साथ हाथ मिलाया.' महबूबा ने कहा कि वह कोई हठी महिला नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेता सरकार गठन चाहते हैं, लेकिन वह ऐसा तभी करेंगी जब उन्हें महसूस होगा कि वृहद उद्देश्य की पूर्ति हो गई. यदि बीजेपी के साथ गठबंधन का उद्देश्य पूरा होता है, तो उन्हें सरकार बनाने में कोई आपत्ति नहीं है.'
'सीएम बनने में हिचकिचाहट नहीं'
महबूबा ने कहा, 'यदि वे ऐसा संकेत देते हैं कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के कल्याण के लिए सब कुछ करेंगे. ये एक ऐसा देश है, उसका खजाना कभी खाली नहीं होगा. यदि मुझे कभी भी यह महसूस होगा कि केंद्र के हृदय में जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए जगह और एक रूपरेखा जो हमने बनाई है और वे उसमें रंग भरने को तैयार हैं तो मुझे इस राज्य की मुख्यमंत्री बनने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी, बल्कि वह एक सम्मान की बात होगी.'
राज्य में लागू है गवर्नर रूल
गौरतलब है कि 87 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा में महबूबा की पार्टी पीडीपी के 27 विधायक हैं. पीडीपी ने बीजेपी के 25 सदस्यों के साथ मिलकर मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में 10 महीने तक एक गठबंधन सरकार चलाई. सईद का सात जनवरी को अचानक निधन हो गया. इसके बाद आठ जनवरी से राज्य में राज्यपाल शासन है, क्योंकि अपने पिता की उत्तराधिकारी के तौर पर देखी जा रही महबूबा ने सरकार गठन का कोई दावा पेश नहीं किया.