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विवादित इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक पर मेहरबानी दिखाने के आरोप में 3 अफसरों पर गाज गिरी है, इन्हें गृह मंत्रालय ने सस्पेंड कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, जाकिर नाइक के एनजीओ को रीन्यू करने की वजह से इन पर कार्रवाई हुई है.
एनजीओ का लाइसेंस रीन्यू होने की घोषणा के बाद 'आज तक' संवादादाता ने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के वकील मोबिन सोलकर से बात की थी, उन्होंने बड़े गर्व के साथे संस्था का एफसीआरएक लाइसेंस रीन्यू होने की जानकारी दी थी.
संस्था का एफसीआरए रीन्यू करने का मामला
दरअसल इन तीन अफसरों पर आरोप है कि इन्होंने बेहद गंभीर मामले में तथ्यों की जांच किए बिना संस्था का एफसीआरए रीन्यू कर दिया. मामला सामने आते ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया. गृह मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो लापरवाही बरतने के आरोप में अधिकारियों का निलंबित किया गया है, जिन अधिकारियों का निलंबन हुआ है उन सभी ने जाकिर की संस्था की एफसीआरए फाइल पर सकारात्मक रिपोर्ट दी थी. सूत्रों के मुताबिक इस मामले में कड़ी कार्रवाई का फैसला सरकार में शीर्ष स्तर पर लिया गया. मामला पीएमओ के संज्ञान तक पहुंच गया था. जिसके बाद तीनों अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला लिया गया.
जाकिर नाइक पर आतंक को बढ़ावा देने का आरोप
गौतरलब है कि जाकिर नाइक की संस्था जांच एजेंसियों के राडार पर है. खबरों की मानें तो संस्था को हवाला के जरिए रकम जुटाने के मामले को लेकर जांच की जा रही है. नाइक पर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है. वहीं सरकार जाकिर की ओर से संचालित पीस टीवी को भारत में दिखाए जाने पर रोक लगा चुकी है.