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अनंतनाग के दो और स्कूलों में आग की घटना, सात दिनों में जलाए गए 7 स्कूल

दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग में सरकारी स्कूलों को फिर से निशाना बनाया गया है. ऐशमुकाम के जवाहर नवोदय विद्यालय में आतंकियों ने आग लगाई काबामार्ग स्थित गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल को भी आग से भारी नुकसान हुआ है.

आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के सरकारी स्कूल में लगाई आग आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के सरकारी स्कूल में लगाई आग
अमित रायकवार
  • जम्मू कश्मीर ,
  • 31 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 12:18 PM IST

दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग में सरकारी स्कूलों को फिर से निशाना बनाया गया है. ऐशमुकाम के जवाहर नवोदय विद्यालय में आतंकियों ने आग लगाई काबामार्ग स्थित गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल को भी आग से भारी नुकसान हुआ है. कश्मीर में जारी हिंसा के बीच यह 25वां शिक्षण संस्थान है, जो आग की चपेट में आ चुका है. इन 25 संस्थानों में से अधिकांश सरकारी हैं और दक्षिण कश्मीर में ही स्थित हैं. पिछले 24 घंटों में किसी स्कूल में आग लगाने की ये तीसरी घटना है

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कई स्कूलों को निशाना बनाया जा चुका है
पिछले सात दिनों में स्कूलों में आग की ये सातवीं घटना है, साढ़े तीन महीनों में कश्मीर घाटी के हर जिले में कम से कम एक स्कूल जलाया गया. जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने स्कूलों को जलाने की घटना पर जताई चिंता, उन्होने कहा है कि ये बच्चों के भविष्य को तबाह करने की साजिश है. पिछले 112 दिन से जारी हिंसा की वजह से घाटी में स्कूल बंद पड़े हुए हैं. इस हिंसा में अब तक 92 लोग मारे जा चुके हैं. स्कूलों के लगातार बंद होने से बच्चे और अभिभावक खासे परेशान हैं. खासकर 10वीं और 12वीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चे और उनके अभिभावक, क्योंकि इनकी आखिरी परीक्षा अक्टूबर-नवंबर में होनी होती है.

सरकार के खिलाफ विरोध जारी
स्कूलों को जलाने की घटना के लिए जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक ने महबूबा सरकार को कसूरवार ठहराया है, यासीन ने कहा कि घाटी में विरोध जारी रहेंगे. पिछले काफी दिनों से घाटी में स्कूल बंद हैं. जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई लिखाई का नुकसान हो रहा है. इसके अलावा एक और अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कहा कि स्कूलों में आग लगाने वाले कश्मीर की जनता के दुश्मन हैं. वहीं राज्य सरकार ने कहा है कि स्कूल खुलें या न खुलें, वह नवंबर के अंत तक सभी कक्षाओं की परीक्षा हर हाल में कराएगी. इन परीक्षाओं को अगले साल मार्च तक टालने की बच्चों और अभिभावकों की मांग को अनसुना कर दिया गया है.

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