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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का बयान, 'राष्ट्रवाद के लिए बुलंद किया संघवाद का झंडा'

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने के संबंध में मोदी सरकार सत्ता में आने से पहले ही दावे करते आ रही है. अब केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि बीजेपी जन संघ संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों के मुताबिक इस धारा को हटाने के अपने रुख पर कायम है.

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (फाइल) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (फाइल)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 मई 2015,
  • अपडेटेड 6:08 PM IST

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने के संबंध में मोदी सरकार सत्ता में आने से पहले ही दावे करते आ रही है. अब केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि बीजेपी जनसंघ संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों के मुताबिक इस धारा को हटाने के अपने रुख पर कायम है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद के लिए कार्यकर्ताओं को संघवाद का झंडा बुलंद करने दिया गया था.

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बीजेपी की सहयोगी पीडीपी के साथ ‘गठबंधन धर्म’ को ध्यान में रखते हुए जम्मू-कश्मीर में संवेदनशील मुद्दों को फिलहाल पीछे कर दिया गया है. राज्य से जुड़े मुद्दों के बारे में एक इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री ने कई मुद्दों पर बात की लेकिन विवादास्पद मुद्दों पर बोलने से बचते रहे. इनमें जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 को वापस लेने का मुद्दा भी शामिल था.

‘मैं पाखंड नहीं करूंगा...'
डॉक्टर से नेता बने 58 वर्षीय जितेंद्र सिंह PMO में राज्यमंत्री का प्रभावशाली पद दिया जाने के लिए एक विकल्प बनकर उभरे थे. सिंह ने 60 हजार विस्थापित कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी में ‘सम्मान एवं सुरक्षा’ के साथ पुनवार्सित करने की मांग के बारे में भी बात की. उन्होंने सिंह ने कहा, ‘मैं पाखंड नहीं करूंगा. पाखंड करने की कोई वजह भी नहीं है. मैं एक ऐसी पार्टी से हूं जिसने सभी मुश्किलों से पार पाते हुए और दृढ़ विश्वास के साथ एक विशेष विचारधारा का पालन किया है. हमने दिल्ली में या कम से कम पूरे जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आने के बारे में तो कभी नहीं सोचा था.’

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'राष्ट्रवाद के लिए बुलंद किया...'
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार भी संभालने वाले जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘हमें राष्ट्रवाद का झंडा बुलंद करने के लिए, संघवाद का झंडा बुलंद करने के लिए दिया गया था, इसलिए हम या तो आंदोलन के अंदाज में थे या विरोध प्रदर्शन के अंदाज में.’ राज्य में PDP के साथ गठबंधन के मुद्दे पर सिंह ने कहा, ‘एक बात बहुत स्पष्ट है कि हम जम्मू-कश्मीर में गठबंधन में शामिल हैं लेकिन विचारधाराओं के आधार पर हमारे बीच मतभेद हैं. हमें यह बात स्वीकार करनी होगी. और यह सच है.’

उन्होंने कहा कि वह ‘एक निशान, एक विधान, एक प्रधान’ के पैरोकार मुखर्जी की विचारधारा को समझते हुए राजनीति में पले-बढ़े हैं. तो फिर हम उस सच से दूर कैसे जा सकते हैं? हम अपनी विरासत से कैसे दूर हो सकते हैं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘पार्टी ने विचारधारा से जुड़े किसी भी मुद्दे को छोड़ा नहीं है और इसमें धारा 370 को हटाए जाने का मुद्दा भी शामिल है, लेकिन गठबंधन सरकार होने के चलते हमने संवेदनशील मुद्दों को उठाने के बजाय फिलहाल खुद को विकास एजेंडे पर केंद्रित करने का फैसला किया है.’

ये बयान देकर घिरे थे जितेंद्र सिंह...
पिछले साल मई में मंत्री पद संभालने के बाद जितेंद्र सिंह ने उस समय विवाद पैदा कर दिया था, जब उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जम्मू-कश्मीर के लिए धारा 370 के गुणों और दोषों पर बहस के लिए तैयार है और वह राज्य में समाज के हर वर्ग के साथ संपर्क कार्यक्रम आयोजित करके ‘न मानने वाले लोगों’ को ‘मनाने’ का प्रयास करेगी. हालांकि इस पर हंगामा होने के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था.

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'कश्मीरी पंडितों के बिना अधूरी है घाटी'
कश्मीरी पंडितों की वापसी के मुद्दे पर सिंह ने कहा, ‘इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि कश्मीरी पंडित कश्मीर घाटी से हैं. घाटी उनके बिना अधूरी है. कश्मीर की संस्कृति, सभ्यता उनके बिना अधूरी है. कश्मीरी पंडितों की वापसी सम्मान और सुरक्षा के साथ होनी चाहिए.’

उन्होंने कहा, 'राज्य में अलगाववादियों द्वारा उठाई जा रही राष्ट्र-विरोधी आवाजों का मुद्दा एक चुनौती है. सरकार इन चीजों से निपटने के लिए उचित कदम उठाएगी, फिर चाहे मामला पाकिस्तानी झंडे फहराने का हो या ऐसी ही कोई अन्य बात. मुझे यकीन है और यह उम्मीद है कि वे इस वादे और अपेक्षा को पूरा करेंगे.’

- इनपुट भाषा

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