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विवादों में फंसे भूमि अधिग्रहण बिल पर मोदी सरकार का यू टर्न, 6 बड़े संशोधन वापस लिए

संसद में विपक्ष के गुस्से को शांत करने के लिए मोदी सरकार ने लैंड बिल को हथ‍ियार बना सकती है. बीजेपी ने लैंड बिल पर अपने रुख से पीछे हटते हुए यूपीए के बिल के महत्वपूर्ण प्रावधान वापस लाने पर सहमति जताई है.

लैंड बिल पर बीजेपी ने अपने रुख में बदलाव के संकेत दिए हैं लैंड बिल पर बीजेपी ने अपने रुख में बदलाव के संकेत दिए हैं
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 8:59 AM IST

संसद में विपक्ष के गुस्से को शांत करने के लिए मोदी सरकार ने लैंड बिल को हथ‍ियार बना सकती है. बीजेपी ने लैंड बिल पर अपने रुख से पीछे हटते हुए यूपीए के बिल के महत्वपूर्ण प्रावधान वापस लाने पर सहमति जताई है.

11 बीजेपी सदस्यों ने संशोधन पेश किए
सूत्रों ने बताया कि संसद की संयुक्त समिति में बीजेपी के सभी 11 सदस्यों ने सोमवार को संशोधन पेश किया जिसमें सहमति का उपबंध और सामाजिक प्रभावों का मूल्यांकन करना शामिल है. बीजेपी के अपने पहले के रुख से पीछे हटने के साथ ऐसी संभावना है कि पार्टी सांसद एसएस आहलूवालिया के नेतृत्व वाली कमेटी 7 अगस्त को आम सहमति से रिपोर्ट पेश करे. सत्तारूढ़ बीजेपी ने संशोधन पेश करने के साथ पूर्ण सहमति का स्वर जाहिर करते हुए बैठक के बाद समिति में कांग्रेस के एक सदस्य ने कहा, ‘यह हमारे 2013 के कानून की तरह ही अच्छा है.’ तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और कल्याण बनर्जी ने बैठक से वाकआउट करते हुए कहा कि इसमें संशोधनों के बारे में आज सुबह जानकारी दी गई और इसका अध्ययन करने के लिए काफी कम समय मिला.

 

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छह संशोधनों पर हुई चर्चा
सोमवार को छह संशोधनों पर चर्चा की गई जिस पर आम सहमति थी. एनडीए के विधेयक में 15 संशोधनों में नौ व्यापक प्रकृति के थे और इनका कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने विरोध किया था.

'छह संशोधनों पर बनी आम सहमति'
कांग्रेस सदस्य ने दावा किया कि नौ में से छह संशोधन जिसमें सहमति का उपबंध, सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन और निजी कंपनी के शब्द को बदलकर निजी निकाय करने के बारे में सोमवार को चर्चा की गई और इस पर आम सहमति बनी.

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