
उत्तर भारत हो या पूर्वी भारत या फिर मध्य भारत या दक्षिण भारत हर जगह बादलों की आवाजाही के बीच मौसम सुहाना हो गया है और मई के महीने में जुलाई की तरह का मौसम हो चुका है. दिल्ली एनसीआर में तेज हवाओं के साथ रुक-रुक कर बारिश हो रही है, तो वहीं पहाड़ों पर बारिश ने भयानक रूप ले लिया है.
इस बार देर से आएगा मानसून
कई लोगों को यह मानसून की बारिश लग रही होगी, लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि यह मानसून की बारिश कतई नहीं है. वैसे तो केरल में मानसून पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून होती है, लेकिन इस बार खास बात है कि मानसून ने अभी तक भारत की मुख्य भूमि पर दस्तक ही नहीं दी है. ऐसा अनुमान है कि इस बार मानसून देर से आएगा.
रोनू चक्रवात के चलते हुई बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक अंडमान निकोबार के आस-पास मानसून 17 मई को ही पहुंच गया था, लेकिन उसी दौरान रोनू चक्रवात के बनने से मानसून की हवाएं साइक्लोन के साथ खिंचकर बांग्लादेश की तरफ चली गई. खास बात यह रही कि रोनू चक्रवात के चलते तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के तमाम इलाकों में झमाझम बारिश रिकॉर्ड की गई. इसका बुरा असर यह हुआ कि भूमध्यरेखा से बना मानसूनी सिस्टम काफी कमजोर पड़ गया.
आगे नहीं बढ़ पाया मानसून
ऐसी स्थिति में पूरे भारत में हवाओं की दशा-दिशा बदल गई. इन स्थितियों में अरब सागर की नम हवाएं गुजरात के ऊपर होती हुई उत्तर भारत में दाखिल होने लगी और इसी के साथ बंगाल की खाड़ी से भी नम हवाओं ने उत्तर भारत की तरफ रुख कर लिया. ऐसे में पूर्वोत्तर भारत, उत्तर भारत और मध्य भारत में आंधी के साथ बारिश का सिलसिला तो बन गया, लेकिन इसने मानसून के सिस्टम को आगे बढ़ने से रोक दिया.
केरल में देरी से आएगा मानसून
मौसम के जानकारों का कहना है कि इस समय केरल के तटीय इलाकों में बारिश तो हो रही है, लेकिन ये बारिश मानसूनी हवाओं की वजह से नहीं हो रही है. मौसम विभाग का कहना है कि केरल में मानसून की बारिश तब मानी जाती है जब दक्षिण-पश्चिम दिशा से आ रही नम हवाएं बारिश लेकर आएं और ये वेदर सिस्टम लंबे समय तक रिमझिम बारिश दे. केरल में मानसून की बारिश देर से आने की आशंका है. इसके लिए मौसम विभाग ने सात दिन की देरी के पूर्वानुमान जारी किए हैं.