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भज्जी की सलाह पर एशिया कप फाइनल में पहले बैटिंग करने उतरे धोनी

एशिया कप के फाइनल में टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने पुराने अंदाज में दिखे और 6 गेंदों पर ताबड़तोड़ 20 रन बनाकर अपने जानदार अंदाज में मैच का अंत किया. भारत को तब 12 गेंद पर 19 रन चाहिए थे जब धोनी ने अल अमीन की गेंद पर दो छक्के और एक चौका लगाकर सात गेंद शेष रहते ही भारत को जीत दिला दी. इस मैच में यह कारनामा करने में कामयाब रहे धोनी बल्लेबाजी क्रम में सुरेश रैना और हार्दिक पंड्या से पहले उतरे और यह सलाह उन्हें सीनियर ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने दी थी.

धोनी ने 6 गेंदों पर ताबड़तोड़ 20 रन बनाकर अपने जानदार अंदाज में मैच का अंत किया धोनी ने 6 गेंदों पर ताबड़तोड़ 20 रन बनाकर अपने जानदार अंदाज में मैच का अंत किया
अभिजीत श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 09 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST

एशिया कप के फाइनल में टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने पुराने अंदाज में दिखे और 6 गेंदों पर ताबड़तोड़ 20 रन बनाकर अपने जानदार अंदाज में मैच का अंत किया. भारत को तब 12 गेंद पर 19 रन चाहिए थे जब धोनी ने अल अमीन की गेंद पर दो छक्के और एक चौका लगाकर सात गेंद शेष रहते ही भारत को जीत दिला दी.

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इस मैच में यह कारनामा करने में कामयाब रहे महेंद्र सिंह धोनी बल्लेबाजी क्रम में सुरेश रैना और हार्दिक पंड्या से पहले उतरे और यह सलाह उन्हें सीनियर ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने दी थी. भज्जी ने उन्हें कहा कि वो रैना और पंड्या से पहले जाएं और धोनी ने उनकी बात मानी. भज्जी ने खुद इस बात को बताया. उन्होंने कहा, ‘मैंने उसे (धोनी को) सुझाव दिया था.’

हरभजन  सिंह ने इसके साथ कहा कि वह अपनी फिटनेस पर विशेष ध्यान देते हैं ताकि वह भारतीय क्रिकेट टीम के युवा खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें. उन्होंने यहां ओपन मीडिया सत्र में कहा, ‘यह आप पर निर्भर करता है कि आप खुद को कैसे व्यवस्थित करते हो. मैं अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत करता हूं. यदि मुझे 25 साल के खिलाड़ी के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है तो मुझे भी उसका स्तर बनाए रखना होगा. मेरे पास कौशल है और इसके साथ इच्छाशक्ति भी होनी चाहिए. हरभजन के समकालीन क्रिकेटरों में से बहुत कम अब इस खेल में सक्रिय है लेकिन टर्बनेटर का इस खेल के प्रति जुनून इस कदर है कि उन्होंने किसी अन्य विकल्प के बारे में नहीं सोचा है.’

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उन्होंने कहा, ‘मेरे दोस्त (टीम के पुराने साथी) कमेंट्री जैसी अन्य चीजें कर रहे हैं लेकिन यह उनकी व्यक्तिगत पसंद है. खेलने से मुझे आनंद मिलता है. जब तक मैं खेल सकता हूं मुझे जरूर खेलना चाहिए. चाहे उम्र 40 हो या 50 साल. मुझे खेलना पसंद है. मैं इसके अलावा कुछ और नहीं जानता. सबसे बड़ी उपलब्धि संतोष है. मैं पूरे जुनून के साथ खेलता हूं. मैं बहुत संतुष्ट हूं.’ हरभजन ने कहा, ‘अपना ज्ञान बांटना महत्वपूर्ण है. केवल मैदान पर ही नहीं बल्कि मैदान के बाहर भी.’

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