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सर्जिकल स्ट्राइक पर बोले PM मोदी- जमीन का भूखा नहीं भारत, हमने दूसरों के लिए बहाया अपना खून

मोदी ने प्रवासी प्रवासी भारतीय केन्द्र का उद्घाटन किया है. मोदी ने कहा है कि दुनिया में भारत की पहचान हैं अप्रवासी.

मोदी ने कहा दुनिया में भारतीयों को लेकर जिज्ञासा बढ़ी है मोदी ने कहा दुनिया में भारतीयों को लेकर जिज्ञासा बढ़ी है
अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 8:48 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में प्रवासी भारतीय केन्द्र का उद्घाटन किया है. इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा. मोदी ने कहा कि यह देश कभी जमीन का भूखा नहीं रहा है, कभी किसी और पर आक्रमण नहीं किया. उन्होंने कहा कि हम दूसरों के लिए बलिदान देते हैं. हमारे डेढ़ लाख से अधिक जवान प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हो गए.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रेन ड्रेन को ब्रेन गेन में बदला जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमारे पास दुनिया को देने के लिए बहुत कुछ है. दुनिया के 150 देशों में प्रवासी भारतीय रहते हैं. कई देश ऐसे हैं जहां मिशन की शक्ति से कई गुनी शक्ति प्रवासी भारतीयों की हैं. मोदी ने कहा है कि दुनिया में भारत की पहचान अप्रवासी हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया में भारतीयों को लेकर जिज्ञासा बढ़ी है.मोदी ने कहा कि हमें सिर्फ संख्या के आधार पर नहीं, बल्कि शक्ति के तौर पर देखना चाहिए.

गांधी जयंती के मौके पर हैं प्रवासी भारतीय केन्द्र का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि गांधी भारत से बाहर गए थे, लेकिन देश की पुकार की वजह से वह भारत लौट आए. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत की थी और हम आज इसे आगे बढ़ा रहे हैं.

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आगे मोदी का पूरा भाषण उन्हीं के शब्दों में पढ़िए...

भारत ने अपनी साख बनाई है
ऐसे समय, फीयर ऑफ अननोन एक बहुत बड़ी बाधा होती है. ये फीयर ऑफ अननोन को मिटाने की किसी में ताकत है तो वो हैं विश्वभर में फैले भारतीय. हमारे लिए आवश्यक है कि हम फैले हुए इस समुदाय से जुड़े. प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत से प्रवासी भारतीय यह अनुभूति करने लगे कि हम कहीं भी रहें हमारा ख्याल करने वाला कोई है. भारत ने अपनी साख बनाई है. एक प्रतिष्ठा अर्जित की है. दुनिया के किसी देश में अगर कहीं कोई फंसे हुए हैं तो दुनिया के अन्य देश अब हमें संपर्क कर रहे हैं. नेपाल में भूकंप आया, उसके बाद हम भारतीय भाईयों की चिंता कर सकते थे, लेकिन हमने मानवता के आधार पर जिस-जिस की मदद कर सकते थे उनकी मदद की.

मानवता से हम प्रेरणा लेते हैं
मानवता हमारा केंद्रीय इंस्पिरेशन रहा. जिसके आधार पर भारत को विश्व ने स्वीकार किया है. हमारी वर्तमान की घटनाओं से यह संभव हुआ है. भारत सरकार के वर्तमान व्यवहार के कारण यह कल्पना लोगों के हृदय में उतर गई है. मानवता से लेकर सामर्थ्य तक, विश्व को इसका अहसास कराते रहना जरूरी है.

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बड़ी भूमिका निभा सकता है भारतीय समुदाय
बहुत बड़ी भूमिका दुनियाभर में फैला भारतीय समुदाय निभा कर सकता है. वह दुनिया के विभिन्न देशों में जाकर राजनीति नहीं कर रहा और न ही सत्ता हथियाने की कोशिश करता है. भारतीय समुदाय से विश्व के किसी देश को दिक्कत नहीं होती. वह वहां के समाज में योगदान देता है. पानी की तरह हमारे देश के लोग घुल मिल जाते हैं. पर्यटन के लिए भारत में अपार संभावना है. मानव विकास की महान विरासत देखनी है तो भारत आएं. हम लोगों को आर्किटेक्ट से लेकर यहां की पांच हजार साल पुरानी चीजें दिखाएंगे.

दुनिया में योग के प्रति एक श्रद्धा का भाव बन चुका है. शरीर, मन, बुद्धि सब को जोड़ने की शक्ति है इसमें. मैंने लोगों से आह्वान किया था कि योग प्रचारित हो अच्छी बात है. योग अगर रोग मिटाता है तो सामान्य लोगों के लिए बहुत उपकार होगा.

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