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पाकिस्तान पहुंचे सिद्धू, करतारपुर कॉरिडोर पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे

पाकिस्तान में जिस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जाने से मना कर दिया, उस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू पाक पहुंच गए हैं.

नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो, ANI) नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो, ANI)
सुरेंद्र कुमार वर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 27 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 4:02 PM IST

पूर्व भारतीय क्रिकेटर और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर पाकिस्तान पहुंच गए हैं. इस बार वह वहां करतारपुर कॉरिडोर को लेकर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.

सिद्धू पिछले हफ्ते विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की ओर भेजे गए आमंत्रण पर वहां पहुंचे हैं. वह बुधवार को कॉरिडोर पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले हैं. इस साल अगस्त में सिद्धू की पाकिस्तान यात्रा के दौरान वहां के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से उनकी मुलाकात के दौरान करतारपुर साहिब तक सिख श्रद्धालुओं के लिए बिना वीजा के आने-जाने के लिए कॉरिडोर बनाने का मामला उठा था.

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हालांकि, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम में शामिल होने का पाकिस्तान का निमंत्रण ठुकरा दिया है. पाकिस्तान ने इस अवसर पर पंजाब सरकार में मंत्री और क्रिकेट जमाने से उनके साथी नवजोत सिंह सिद्धू को भी बुलाया जिसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया था.

दूसरी ओर, भारत में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब सड़क गलियारे की आधारशिला रखी. यह सड़क गुरदासपुर जिले के मान गांव से पाकिस्तान से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा तक जाएगी.

भारत सरकार ने 2019 में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में करतारपुर सड़क गलियारे के निर्माण का फैसला 22 नवंबर, 2018 को लिया था. इस कॉरिडोर के निर्माण से सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में मत्था टेक सकेंगे.

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सिद्धू ने पाकिस्तान पहुंचने के बाद पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को थैंक्स कहा. वाघा बॉर्डर को पार कर पड़ोसी देश पहुंचने पर सिद्धू ने कहा कि भारत के 90 फीसदी लोग दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज चाहते हैं. कला और कलाकारों ने दोनों देशों के बीच गैप को भरने के लिए पुल का काम किया है.

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