
द नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने इतिहास की किताब में बदलाव किया है. एनसीईआरटी ने इतिहास कक्षा सात की इतिहास की किताब 'ऑर पास्ट-II' के पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए महाराणा प्रताप और मराठा शासक छत्रपति शिवाजी के बारे में जानकारी बढ़ाई है. इससे पहले पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप और शिवाजी के बारे में जानकारी ना होने का विरोध किया गया था.
बता दें कि पहले शिव सेना और हिंदू जनजागृति समिति ने पिछले साल की किताबों की आलोचना करते हुए कहा था कि किताबों में मुगल शासकों का महिमामंडन किया गया, जबकि हिंदू शासकों के को नजरअंदाज किया गया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एनसीईआरटी डायरेक्टर ऋषिकेश सेनापति ने किताबों में हुए बदलाव पर बात करने के लिए मना कर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि सभी किताबें छपने के लिए प्रिंटर के पास भेज दी गई है और अगले महीने तक किताबों के नया वर्जन सामने आ सकता है.
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2007 के बाद से पहला रिव्यू एनसीईआरटी द्वारा पिछले वर्ष किया गया था. यह एक स्वायत्त संस्था है जो एचआरडी मंत्रालय को स्कूल शिक्षा पर सलाह देती है. एचजेएस ने अपनी याचिका में कहा था कि पाठ्यपुस्तक में शिवाजी कोई तस्वीर नहीं है. जबकि बाबर और उनके वंशजों की तस्वीरें इसमें शमिल हैं. एचजेएस की स्थापना 2002 में हिंदू राष्ट्र की स्थापना के मकसद से की गई थी.
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गौरतलब है कि पिछले साल शिवसेना और एचजेएस ने किताब में बदलाव को लेकर महाराष्ट्र सरकार में अलग अलग याचिका दायर की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि पाठ्यक्रम में शिवाजी और महाराणा प्रताप के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जबकि दूसरी ओर मुगल शासकों को लेकर कई पेज में जानकारी दी गई है.