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नेपाल की संसद में संशोधन बिल पेश, नये नक्शे में भारत के तीन हिस्से

नेपाल के कानून मंत्री शिवमाया तुंबाहंफे ने नेपाल के नए नक्शे के संबंध में संविधान संशोधन बिल पेश किया है. इस नक्शे में भारत के तीन हिस्सों को नेपाल का अंग दिखाया गया है.

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (फाइल फोटो- रॉयटर्स) नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (फाइल फोटो- रॉयटर्स)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 31 मई 2020,
  • अपडेटेड 2:10 PM IST

  • नेपाली संसद में संविधान संशोधन बिल पेश
  • भारत के हिस्सों को नक्शे में बताया अपना हिस्सा

भारत और नेपाल के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. नेपाल सरकार ने नए राजनीतिक नक्शे के संबंध में संविधान संशोधन बिल अपनी संसद में पेश किया है. नेपाल की कानून मंत्री शिवमाया तुंबाहंफे ने नए नक्शे के संबंध में संसद में बिल पेश किया है. नेपाल के इस नए नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है.

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बीते कुछ दिनों से नेपाल के साथ भारत के संबंधों में तल्खियां बढ़ी हैं. हालांकि नेपाल भारत का पुराना मित्र रहा है. नेपाली कांग्रेस नेपाल के नक्शे को अपडेट करने के लिए संविधान संशोधन का समर्थन कर रही है. लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी के विवादित क्षेत्रों को अपने क्षेत्र में शामिल करना चाहती है. यह कदम नेपाल के नक्शे को बदलने के लिए उठाया जा रहा है.

जब नेपाल ने अपने नए राजनीतिक नक्शे में भारतीय क्षेत्र को अपना हिस्सा बताया था तभी भारत की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई थी. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि हम नेपाल सरकार से अपील करते हैं कि वो ऐसे बनावटी कार्टोग्राफिक प्रकाशित करने से बचे. साथ ही भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे.

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क्या है विवाद की वजह?

नेपाल सरकार के नए नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी शामिल करने पर भारत को आपत्ति है. नेपाल कैबिनेट की बैठक में भूमि संसाधन मंत्रालय ने नेपाल का यह संशोधित नक्शा जारी किया था. जिस वक्त यह नक्शा जारी किया गया, उस वक्त मौजूद कैबिनेट सदस्यों ने इस नक्शे में समर्थन में मत दिया था. वहीं भारत ने तत्काल आपत्ति जताई थी.

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गौरतलब है कि 8 मई को भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया था. इसको लेकर नेपाल की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई थी. उद्घाटन के बाद ही नेपाल सरकार ने नया राजनीतिक नक्शा जारी करने का फैसला किया था. नेपाल ने भारत के क्षेत्रों को भी अपना बताकर दिखाया है.

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