
पूर्व भारतीय नौसैनिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में अचानक मौत की सजा सुनाए जाने के बाद सनसनीखेज नया खुलासा हुआ है. भारत सीमा से सटे नेपाल के लुंबिनी से लापता पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब जहीर ने जाधव को गिरफ्तार करवाया था. वहीं. जाधव को लेकर भारत में पाकिस्तान के खिलाफ जमकर आक्रोश है. लोग पाक के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं.
पाकिस्तान का आरोप है कि हबीब भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की हिरासत में है. हालांकि भारत की ओर से अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है. लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब 2014 में पाकिस्तानी सेना से रिटायर हुए थे, लेकिन उसके बाद भी आईएसआई के लिए काम करते थे.
पाकिस्तान की जिस टीम ने मार्च 2016 में कुलभूषण जाधव को पकड़ा था, उसमें हबीब भी शामिल थे. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब काफी समय से कुलभूषण पर निगाह रख रहे थे. जब कुलभूषण अपने परिजनों से मराठी में बात करते थे, तो हबीब उनकी इन बातचीत पर गौर करते थे. इस तरह उन्होंने कुलभूषण की गिरफ्तार में अहम किरदार निभाया. हबीब अक्सर नेपाल आया-जाया करता था और भारतीय एजेंसियां हबीब पर लंबे समय से निगाह रख रही थीं.
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पाक ले. कर्नल हबीब की वजह से जाधव को दी गई फांसी
सैन्य सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब के लापता होने और जाधव को फांसी देने के बीच सीधा संबंध है. हालांकि अभी
तक पाकिस्तान को हबीब का कोई सुराग नहीं मिला है, लेकिन वह उसके लापता होने के पीछे भारतीय खुफिया एजेंसी का हाथ बता रहा है.
उसका मानना है कि लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब भारत की हिरासत में है. पाक लेफ्टिनेंट कर्नल को आखिरी बार भारत-नेपाल सीमा पर देखा गया
था.
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पाक का जबरन दावा
कुलभूषण को 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था. उस पर जासूसी करने और RAW का एजेंट होने का इल्जाम
लगाया गया था. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि कुलभूषण ईरान के रास्ते बलूचिस्तान पहुंचे थे. गिरफ्तार किए जाने के करीब एक महीने
बाद पाक सेना ने जाधव का वीडियो जारी किया. इसमें कथित तौर पर कुलभूषण भारतीय जासूस होने की बात कबूल करते नजर आ रहे हैं,
लेकिन हकीकत यह है कि कबूलनामा जबरन करवाया गया. पाक के पास अभी तक कोई सबूत नहीं मिले हैं, जिससे यह साबित हुआ हो कि
वह जासूसी कर रहे थे.
पहले भी पाक में भारतीयों को दी जा चुकी हैं फांसी
पाकिस्तान ने 1999 में भी भारतीय असफर शेख शमीम को फांसी दी थी. पाक ने उसे भी जासूस बताया था. इसके अलावा पाकिस्तान में
कई बेगुनाह भारतीयों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है. भारत ने पाकिस्तान के कई जासूसों को पकड़ा, लेकिन आज तक किसी को भी
मौत की सजा नहीं दी गई.