
भारतीय जमीन पर हुए सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक मुंबई हमले के आठ साल भी तटीय सुरक्षा में ढिलाई को देखकर गृह मामलों की संसदीय समिति बेहद नाराज है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 26/11 के मुंबई हमलों के बावजूद देश के 187 छोटे बंदरगाहों को मानक सुरक्षा कवर हासिल नहीं हुआ है. समिति ने सख्ती से यह सुझाव दिया है कि देश के प्रमुख बंदरगाहों के साथ ही छोटे बंदरगाहों की सुरक्षा व्यवस्था की नियमित तौर पर जांच होती रहनी चाहिए.
हालांकि, गृह मंत्रालय ने समिति से थोड़ी असहमति जताते हुए उसे बताया है कि सुरक्षा व्यवस्था की जांच आईबी द्वारा की गई है और उससे यह पता चला है कि 203 छोटे बंदरगाहों में से 45 तो बंद पड़े हैं और 75 में नाममात्र को भी कोई सुरक्षा बल नहीं है. यही नहीं, बंद पड़े तमाम बंदरगाहों को मछली मारने या घाट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
आईबी की रिपोर्ट के अनुसार इन छोटे बंदरगाहों में से 21 गुजरात में, 9 महाराष्ट्र में, 5 आंध्र प्रदेश में, 2 कर्नाटक में, 6 तमिलनाडु में, 2 पुदुचेरी में और 1-1 गोवा, अंडमान एवं निकोबार, केरल तथा ओडिशा में हैं. गृह मंत्रालय ने यह स्वीकार किया है कि जांच के अनुसार कई बंदरगाहों की सुरक्षा व्यवस्था में खामियां पाई गई हैं, जैसे एक्स-रे मशीन की उपलब्धता और संचार प्रणाली का रखरखाव न होना. इसके आधार पर आइबी ने कई सुझाव दिए थे, जिसे कि राज्य सरकारों को भी भेजा गया है.
आईबी के प्रमुख सुझाव
देश के छोटे बंदरगाहों की सुरक्षा प्रणाली की जांच के बाद इंटेलीजेंस ब्यूरो (आइबी) ने इनकी सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जो इस प्रकार हैं:
1. निगरानी के लिए सभी बंदरगाहों पर पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं
2. सुरक्षा व्यवस्था को आंकने के लिए इन बंदरगाहों पर नियमित तौर पर मॉक ड्रिल किए जाएं.
3. बंदरगाहों के सभी गेट के अंदर और बाहर स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं.
4. बंदरगाहों पर इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटरों में 8 अंकों के अल्फा-न्यूमेरिकल पासवर्ड का इस्तेमाल किया जाए.
5. सभी बंदरगाहों पर बम की पहचान एवं निरस्त करने वाले दस्ते (BDDS )की तैनाती की जाए.
6. बंदरगाहों को मछली पालन के लिए निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया जाए.
7. बंदरगाहों पर पहुंचने वाले सभी विदेशी नागरिकों के पासपोर्ट और वीजा के बारे में समुचित रिकॉर्ड रखा जाए.
8. बंदरगाहों पर लोगों के टिफिन बॉक्स आदि सामान की औचक जांच की जाए.
9. वाच टॉवर और निगरानी मार्ग की स्थापना की जाए.
10.तेल रिसाव की आकस्मिक जांच के लिए इंडियन कोस्ट गॉर्ड को समर्थ बनाया जाए.