
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि बजट-2018 की तैयारी की समीक्षा लगातार उच्चस्तरीय बैठकों के जरिए की जा रही है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2017-18 के अन्तर्गत शराबबंदी से राज्य की सामाजिक व आर्थिक स्थिति, आकस्मिक बाढ़ से नुकसान, ग्रामीण विद्युतीकरण, डीबीटी के जरिए भुकतान आदि से अर्थव्यवस्था पर असर जैसे कई अन्य नए विषय पर अलग से रिपोर्ट इस बार विधानसभा पेश किया जाएगा.
बता दें कि जैसे आम बजट से ठीक एक दिन पहले संसद में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की जाती है. उसी तर्ज पर बिहार में एनडीए की गठबंधन वाली सरकार मेंं प्रतिवर्ष आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया जाता रहा है.
सुशील मोदी ने इस पर बात करते हुए कहा कि इस साल प्रस्तुत होने वाली 12वीं आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में जीविका द्वारा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक स्थिति पर प्रभाव और साथ ही साथ ग्रामीण विद्युतीकरण के साथ ही जैविक खाद के उपयोग और सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ को और डीबीटी के जरिए किए जाने वाले भुगतान के असर पर भी विशेष रिपोर्ट पेश होगी.
बता दें कि इस साल पहली बार दो खंडों में प्रस्तुत होने वाली इस आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में पहला खंड शब्दों पर आधारित होगा तो वहीं दूसरे खंड में आंकड़ों से विवरण दिया जाएगा. इस सर्वेक्षण रिपोर्ट को बिहार सरकार की संस्था लोक वित्त आर्थिक नीति केंद्र की ओर से तैयार किया जा रहा है.